भदोही, ज्ञानपुर

बीएसए साहब देखिये, यह प्रधानाध्यापक पढ़ा भी नही रहा ऊपर से पहलवानों की तरह ठोक रहा ताल


मामला संक्षेप में—

कोइरौना/ज्ञानपुर(भदोही)।  योगीराज में भदोही जिले के बैरीबीसा गांव के प्राथमिक विद्यालय द्वितीय में तैनात हेडमास्टर की दबंगई वाला वीडियो देख आप भी चौक जायेंगे। वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। यह घटनाक्रम शुक्रवार का बताया जा रहा है। पड़ताल में पता चला कि हेडमास्टर विद्याधर दुबे बच्चों को पढ़ाने की जगह बाकायदा कुर्सी मेज लगाकर अपनी आंगनबाड़ी पत्नी के साथ ग्रामीण लाभार्थियों को सरकारी खाद्य सामग्री बांट रहे थे। कुछ ग्रामीणों ने जब राशन बराबर न देने और बच्चों को पढ़ाने की जगह उनके द्वारा वितरण करने का आरोप लगाया गया तो मास्टर साहब बिफर गए। अखाड़े में पहलवानों की तरह ताल ठोकते हुए उखाड़ लेने आदि की चुनौती और धमकी देने लगे। परिषदीय स्कूल के इस प्रधानाध्यापक का दबंग अंदाज और गुंडई वाला लहजा वीडियो में साफ देखा जा सकता है। न तो इन्हें योगी सरकार में कार्रवाई का डर सता रहा है, और न ही इन्हें अपने कर्त्तव्य और पद – प्रतिष्ठा का ही ख्याल रह गया है। वहीं प्रधानाध्यापक ने बातचीत में कहा कि वह आंगनबाड़ी के खाद्यान्न वितरण में सहयोग कर रहे थे। कुछ ग्रामीण जिनका खाद्यान्न लेने आदि का कोई हक नही है, वह अनर्गल आरोप लगाकर बदजुबानी व अभद्रता कर रहे थे। हमने डायल 112 पुलिस भी बुलाया था।

सवाल—?
सवाल है कि ऐसे धमकीबाज प्रिंसिपल क्या वाकई बच्चों को पढ़ाते भी होंगे या नही? वेतन के नाम पर मोटी रकम पाने वाले मास्टर साहब बच्चों को पढ़ाने की बजाय आंगनबाड़ी का राशन बांट रहे हैं? ऐसे कारनामों और माहौल से भला विद्यामन्दिर में जीवन संवारने गए नन्हे मुंन्हे बच्चों में कैसी परम्परा सेट होगी?
कतार में खड़ी महिलाएं, मेज पर आंगनबाड़ी का खाद्यान्न वितरण रजिस्टर लेकर बैठे प्रधानाध्यापक
पूरा मामला-
वीडियो भदोही जिले के डीघ ब्लॉक क्षेत्र के प्राथमिक स्कूल बैरी द्वितीय का है। ताल ठोकते सफारी सूट पहने ये स्कूल के प्रभारी प्रधानाध्यापक विद्याधर दुबे हैं। जो ग्रामीणों को उखाड़ लेने के लिए ललकारते हुए चुनौती दे रहे हैं। उनके आक्रोश से अंदाजा लग रहा है कि दूसरी तरफ से भी कुछ न कुछ अभद्रता जरूर हुई है जिससे वे इतना उद्वेलित और खीझे हुए हैं। दर्शल, मास्टर साहब की पत्नी आंगनबाड़ी कार्यकर्ती हैं। वह गांव में ही दूसरी सेन्टर चलाती हैं। मास्टर साहब के स्कूल के कैम्पस में एक आंगनबाड़ी सेंटर चल रहा था जो कार्यकर्ती के सस्पेंड होने से हालफिलहाल में बंद चल रहा है। प्रभारी बनाई गई मास्टर साहब की पत्नी यानी आंगनबाड़ी कार्यकर्ती बंद चल रहे सेंटर के लाभार्थियों को सरकारी राशन आदि देने पहुंची थी। मास्टर साहब बच्चों को पढ़ाने के बजाय कुर्सी मेज लगाकर कतारबद्ध कराकर पंजीकृत लाभार्थियों को खुद राशन बंटवा रहे थे। इसी दौरान जब गांव के कुछ ग्रामीण बराबर राशन न देने और बच्चों को पढ़ाने के जगह खुद राशन देने तथा बराबर स्कूल से गायब रहने का आरोप प्रधानाध्यापक महोदय पर मढ़ने लगे तो मास्टर साहब उखड़ गए। कुर्सी पर से उठे और ताल ठोककर उखाड़ लेने की धमकी देने लगे।
वहीं बातचीत में प्रिंसिपल का कहना रहा कि कुछ ग्रामीण राशन बांटने के दौरान विवाद कर रहे थे, बिना मतलब आरोप लगा रहे थे और अभद्रता कर रहे थे। उन्होंने डायल 112 पुलिस को भी बुलवाया था।