नूंह, 31 जुलाइ को हुई हिंसा के आरोपित फरीदाबाद के पवर्तिया कालोनी के रहने वाले राजकुमार उर्फ बिट्टू बजरंगी को जमानत मिल गई। आरोपित को अदालत ने पचास हजार का निजी मुचलका जमा करने तथा शांति व्यवस्था बनाए रखने का निर्देश देते हुए जमानत याचिका स्वीकृत की।
हिंसा के 15 दिन बाद दर्ज हुआ केस
बिट्टू बजरंगी की ओर से जमानत याचिका अधिवक्ता एलएन पराशर तथा सोमदत्त शर्मा ने मंगलवार को लगाई थी। जिस पर बुधवार दोपहर में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश संदीप दुग्गल की अदालत में बहस हुई। पुलिस की ओर से जमानत देने का जांच अधिकारी और सरकारी अधिवक्ता ने विरोध किया वहीं अधिवक्ता एलएन पराशर ने दलील दी कि हिंसा के पंद्रह दिन बाद मामला दर्ज कर गिरफ्तार किया गया।
पुलिस ऐसे सबूत भी नहीं दे सकी जिससे जमानत नहीं दी जाए। बिट्टू से पहले हिंसा आरोपितों में से तावडू के शिकारपुर के रहने वाले तारीफ को अदालत जमानत दे चुकी है। तारीफ के अधिवक्ता ने अदालत को एक सीसीटीवी फुटेज दिखाया था जिसमें हिंसा वाले दिन तारीफ गुरुग्राम स्थित अपने कार्य स्थल पर काम कर रहे थे।
15 अगस्त को बिट्टू की हुई थी गिरफ्तारी
बिट्टू बजरंगी को नूंह क्राइम ब्रांच की टीम ने 31 जुलाई को हुई हिंसा के मामले 15 अगस्त की दोपहर करीब ढ़ाई बजे उसके फरीदाबाद स्थित निवास से गिरफ्तार किया गया था। बिट्टू एक मीडिया चैनल से बातचीत कर रहा था। उसके कुछ देर बाद ही क्राइम ब्रांच प्रभारी संदीप मोर करीब बीस पुलिसकर्मियों के साथ पहुंचे और उसे हिरासत में लेकर नूंह लाए।
शाम करीब चार बजे बिट्टू के विरुद्ध थाना सदर में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक उषा कुंडू के बयान पर एफआइआर दर्ज की गई। उसके विरुद्ध कानून व्यवस्था में बाधक बनने तथा धार्मिक यात्रा में तलवार लेकर शामिल होने तथा पुलिस कर्मियों द्वारा छीनने पर फिर तलवार लूटने तथा हाथापाई करने और पुलिस के वाहन के आगे बैठने के आरोप लगाए गए थे।
आठ तलवार बरामद होने का पुलिस ने किया दावा
आरोपित को अगले दिन पुलिस ने एक दिन की रिमांड पर लेकर आठ तलवार बरामद करने का दावा किया। 17 अगस्त को रिमांड अवधि खतम होने पर उसे फरीदाबाद के नीमका जेल भेज दिया गया। आरोपित ने नूंह जेल में अपनी जान का खतरा बताया था।
अधिवक्ता साेमदत्त शर्मा ने अदालत से अनुरोध किया था और बताया था कि नूंह जेल में दो सौ से अधिक हिंसक घटना को अंजाम देने के आरोप में मुस्लिम युवक बंद हैं। बिट्टू की जान को वहां रखने में खतरा है। जिसके बाद अदालत ने आरोपित को नीमका जेल भेजा था। वहां पर भी विशेष बैरक में सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में रखा गया था।