नई दिल्ली। अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) की पिछड़ी जातियों को आरक्षण का लाभ पहुंचाने के लिए गठित जस्टिस जी. रोहणी की अगुवाई में गठित आयोग को जो रिपोर्ट 12 हफ्ते में देनी थी उसका लगभग पांच साल पूरा होने को है। सरकार ने एक बार फिर से कार्यकाल को बढ़ा दिया है। जो अब 31 जनवरी 2023 तक होगा। आयोग के गठन के बाद से अब तक उसके कार्यकाल में यह बारहवां विस्तार होगा।
ओबीसी की सभी जातियों को आरक्षण का समान लाभ पहुंचाने के लिए केंद्र ने इस आयोग का गठन अक्टूबर 2017 में किया था। उस समय आयोग को इस काम को पूरा करने के लिए 12 हफ्ते का समय दिया गया था। हालांकि, इन 12 हफ्तों की जगह अब तक उसे करीब पांच साल का समय मिल गया है, लेकिन अब तक काम पूरा नहीं हो पाया है।
यही स्थिति तब है कि सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने पिछली बार आयोग को 31 जुलाई 2022 तक विस्तार देते हुए साफ किया था, कि यह आयोग का अंतिम विस्तार होगा। आयोग इस समय-सीमा के भीतर रिपोर्ट पेश कर देगा। सूत्रों की मानें तो आयोग इसकी तैयारी में भी जुटा था, लेकिन अचानक से आयोग के कार्यकाल को फिर विस्तार देकर मामले को एक तरह से ठंडे बस्ते में डाल दिया।