नई दिल्ली, । केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने शुक्रवार को कहा कि भारत कच्चे तेल उत्पादक देशों के समूह ओपेक प्लस की ओर से तेल उत्पादन में की जाने वाली कटौती को लेकर आश्वस्त था। इससे भारत को कोई भी समस्या नहीं होने वाली है। यह बातें उन्होंने अमेरिका की राजधानी वाशिंटन डीसी में एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहीं।
बता दें, हाल ही में ओपेक प्लस देशों की ओर से कच्चे तेल के उत्पादन में उम्मीद से अधिक 20 लाख बैरल प्रतिदिन कटौती का एलान किया था। यह पूरी दुनिया में होने वाले कुल तेल उत्पादन का करीब 2 प्रतिशत है। यह कटौती ऐसे समय पर की गई थी, जब कच्चे तेल की कीमत 6 महीने के निचले स्तर पर 83 डॉलर पर पहुंच गई थी। कटौती की एलान के बाद यह बढ़कर 98 डॉलर को पार कर गई है।
भविष्य में बढ़ेगी कच्चे तेल की मांग
पुरी ने आगे कहा कि मौजूदा समय में भारत में कच्चे तेल की मांग 5 मिलियन बैरल प्रतिदिन है और यह लगातार बढ़ रही है। हमारी प्रति व्यक्ति कच्चे तेल की खपत वैश्विक औसत का एक तिहाई है, लेकिन आने वाले समय में हम देखेंगे कि दुनिया की 25 प्रतिशत कच्चे तेल की मांग भारत से आएगी।
रूस से तेल खरीदने पर भी बोले
पुरी ने कहा कि रूस से तेल खरीद कम करने को लेकर भारत पर अमेरिका की ओर से कोई भी दबाव नहीं बनाया जा रहा है। यह भारत सरकार का नैतिक कर्तव्य है कि अपने नागरिकों की ऊर्जा की जरूरतों को पूरा करना। हमें जहां से भी कच्चा तेल मिलेगा खरीद जारी रखेंगे।
रूस से बढ़ा कच्चे तेल का आयात
रूस- यूक्रेन युद्ध के कारण कच्चे तेल की कीमतें तेजी के ऊपर चली गई थी और रूस की ओर से कच्चे तेल की कीमत पर डिस्काउंट दिए जाने के कारण भारत ने बड़ी मात्रा में रूस से कच्चा तेल खरीदा है। इस साल अप्रैल से लेकर अब तक रूस से होने वाले कच्चे तेल के आयात में 50 गुना का इजाफा हुआ है। भारत अपनी जरूरत का कुल 10 प्रतिशत हिस्सा ही रूस से आयात करता है।