इस्लामाबाद, । पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में साल 2023 का पहला पोलियो का मामला सामने आया है। खैबर पख्तूनख्वा के बन्नू जिले में तीन साल का एक बच्चा पोलियो का शिकार हुआ है। शनिवार को एक मीडिया रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई।
प्रतिनिधिमंडल ने की संघीय स्वास्थ्य मंत्री से मुलाकात
डॉन अखबार ने बताया कि यह मामला ऐसे समय में सामने आया है, जब फ्रांसीसी एजेंसी फॉर डेवलपमेंट (एफएडी) और बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन (बीएमजीएफ) इस बीमारी को खत्म करने के प्रयासों का विश्लेषण करने के लिए वहां पहुंचे थे।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि एफएडी और बीएमजीएफ प्रतिनिधिमंडलों ने पोलियो उन्मूलन पर ध्यान देने के लिए कदम उठाए हैं।
उन्होंने सामाजिक सुरक्षा और स्वास्थ्य में सहयोग के तरीकों पर चर्चा करने के लिए संघीय स्वास्थ्य मंत्री अब्दुल कादिर पटेल से मुलाकात की।
टीकाकरण न होने से हुआ पोलिया का शिकार
पोलियो के लिए नेशनल इमरजेंसी ऑपरेशंस सेंटर (एनईओसी) के प्रमुख डॉ. शहजाद बेग ने कहा कि अभी इस मामले में जांच जारी है।
उन्होंने कहा कि यह पता लगाया जा रहा है कि क्या बच्चे को टीका लगाया गया था या माता-पिता ने टीकाकरण से इनकार कर दिया था।
डॉ. बेग ने डॉन को बताया कि हालांकि, यह स्पष्ट है कि बच्चे को पूरी तरह से सुरक्षित नहीं किया गया था। इसलिए यही कारण है कि बच्चा पोलियो का शिकार हो गया
पांच महीने के बाद सामने आया पोलियो केस
डॉ. शहजाद बेग ने बताया कि चालू वर्ष 2023 का यह पहला मामला है। यह बीते पांच महीने के अंतराल के बाद सामने आया है।
स्वास्थ्य अधिकारियों ने रमजान और ईद में आदिवासी जिलों से शहरी क्षेत्रों में संभावित आवाजाही के मद्देनजर अलर्ट जारी किया है।
तो वहीं अधिकारी अब 10 अप्रैल से आदिवासी जिलों में टीकाकरण अभियान की योजना बना रहे हैं। अभी सभी सुरक्षाकर्मी डिजिटल जनगणना में लगे हुए हैं।
इन क्षेत्रों में अधिक सक्रिय है पोलियो
एनईओसी प्रमुख ने कहा कि दक्षिणी खैबर-पख्तूनख्वा (केपी) में सात जिले थे, जिनमें डेरा इस्माइल खान, लककी मारवात, टैंक, बन्नू, दक्षिण वजीरिस्तान और उत्तरी वजीरिस्तान शामिल हैं।
इन क्षेत्रों को टीकाकरण अभियान में तेजी से लक्षित करने की जरूरत है।