इस्लामाबाद, इस्लामाबाद की एक अदालत ने तोशखाना मामले में पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को 11 अप्रैल को तलब किया है। द न्यूज इंटरनेशनल ने बताया कि अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश (ADSJ), इस्लामाबाद अदालत ने तोशखाना मामले की तत्काल सुनवाई की मांग वाली याचिका पर समन जारी किया है।
अदालत में पेश होंगे इमरान खान
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष इमरान खान को 11 अप्रैल को सुबह साढ़े आठ बजे व्यक्तिगत रूप से अदालत में पेश होने के लिए कहा गया है। द न्यूज इंटरनेशनल की रिपोर्ट के अनुसार, समन में कहा गया है कि गैर-उपस्थिति के मामले में कानून अपना काम करेगा। उल्लेखनीय है कि पिछले साल अक्टूबर में पाकिस्तान के चुनाव आयोग (ECP) ने इमरान खान को अयोग्य घोषित कर तोशखाना मामले में उन्हें नेशनल असेंबली से बाहर का रास्ता दिखा दिया था।
इमरान खान पर लगे ये आरोप
इमरान खान पर 21.564 मिलियन पाकिस्तानी रुपये (पीकेआर) का भुगतान करके तोशखाना से उपहार खरीदने का आरोप लगा है। पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने कहा कि कैबिनेट डिवीजन ने खुलासा किया है कि इमरान खान द्वारा खरीदे गए उपहारों की कीमत 107.943 मिलियन पाकिस्तानी रुपये थी।
द न्यूज इंटरनेशनल की रिपोर्ट के हवाले से, ECP के निर्णय में लिखा है कि इमरान खाने के बैंक खाते में जो राशि थी वो राज्य के उपहारों के मूल्य का लगभग आधा था। इमरान खान अपने रिटर्न में नकदी और बैंक विवरण घोषित करने के लिए बाध्य थे,लेकिन उन्होंने इसके बारे में कुछ नहीं बताया।
इमरान खान के वकीलों ने दाखिल की अर्जी
एआरवाई न्यूज के अनुसार, पूर्व प्रधानमंत्री का प्रतिनिधित्व करने वाले एक जूनियर वकील ने अदालत को सूचित किया कि न तो इमरान खान और न ही हमारे किसी वरिष्ठ वकील को मामले में समन नोटिस प्राप्त हुआ है। इससे पहले मार्च में, इस्लामाबाद की एक जिला और सत्र अदालत ने तोशखाना मामले में 30 मार्च को होने वाली सुनवाई में भाग लेने से छूट के इमरान खान के अनुरोध को स्वीकार कर लिया था। इमरान खान के वकीलों ने सुनवाई से छूट की अर्जी दाखिल की थी।
क्या है तोशखाना
जानकारी के लिए बता दें कि तोशखाना-एक फारसी शब्द है, जिसका अर्थ है खजाना घर। नियमों के तहत सरकारी अधिकारी को मिले उपहार अपने पास रख सकते हैं अगर उनका मूल्य कम है। वहीं, मंहगी वस्तुओं के लिए अधिकारियों को सरकार को कम शुल्क का भुगतान करना होता है। तोशखाना तब से ही जांच में दायरे में हैं, जब से यह आरोप लगा कि इमरान खान देश के प्रधानमंत्री के रूप में प्राप्त उपहारों को कम दामों में खरीद कर उन्हें खुले बाजार में मुनाफे के लिए बेच रहे थे।