इस्लामाबाद, पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पीटीआई के नेता इमरान खान इस समय सेना और शहबाज सरकार के खिलाफ कानूनी जंग लड़ रहे हैं। भले ही इमरान खान को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल गई है लेकिन अभी भी उनके खिलाफ गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है।
इमरान खान का बड़ा आरोप
देश के हालात खराब हो रखे है। पिछले सप्ताह हुए हिंसक विरोध प्रदर्शन के दौरान कुछ क्षेत्रों में आगजनी और जमकर गोलीबारी हुई। इसको लेकर अब इमरान खान ने ‘एजेंसियों के लोगों’ पर बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने दावा किया कि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने मौजूदा कार्रवाई को सही ठहराने के लिए हिंसा को अंजाम दिया।
‘संगठित साजिश’ के तहत की गई हिंसा
इमरान खान ने अपने ट्वीटर हैंडल पर बड़ा दावा करते हुए वीडियो पोस्ट किया और कहा ‘हमारे पास किसी भी स्वतंत्र जांच को पेश करने के लिए पर्याप्त सबूत हैं कि आगजनी और कुछ जगहों पर गोलीबारी एजेंसियों के लोगों द्वारा की गई थी। इस हिंसा का सारा दोष वह पीटीआई पर देना चाहते थे, ताकि मौजूदा कार्रवाई को उचित ठहराया जाए। उन्होंने कहा कि सरकारी इमारतों और लाहौर कॉर्प्स कमांडर हाउस को ‘संगठित साजिश’ के तहत तबाह किया गया था।’
स्वतंत्र जांच की मांग
इमरान खान ने कहा कि ‘मैं इसको लेकर एक स्वतंत्र जांच चाहता हूं। यह सब उनकी पार्टी पर प्रतिबंध लगाने के उद्देश्य से ‘लंदन योजना’ के तहत किया जा रहा है। इमरान ने आरोप लगाते हुए कहा कि यह सभी पीटीआई पर कार्रवाई करने के बहाने के लिए किया गया है। हमारे कार्यकर्ताओं और मेरे साथ वरिष्ठ नेतृत्व को जेल में डालना चाहते थे ताकि लंदन योजना में नवाज शरीफ को दिए गए आश्वासन का सम्मान किया जा सके।’
अल-कादिर ट्रस्ट मामले में इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद पाकिस्तान में व्यापक विरोध प्रदर्शन हुए। रिपोर्ट में दावा किया गया कि उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने सैन्य प्रतिष्ठानों पर धावा बोला और लाहौर के कोर कमांडर हाउस में तोड़फोड़ की।