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PM मोदी ने दोहराया श्रीलंकाई तमिलों के लिए भारत का समर्थन


 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने श्रीलंकाई तमिलों के कल्याण का हमेशा ध्यान रखा है और उनके अधिकारों के मुद्दे को लगातार द्वीपीय देश के नेताओं के साथ उठाया है। मोदी ने रेलवे और रक्षा क्षेत्रों में विभिन्न सरकारी परियोजनाओं की शुरुआत करने के बाद कहा कि भारत हमेशा यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध रहा है कि वहां तमिल समानता, न्याय, शांति और सम्मान के साथ जीवन यापन करें। मोदी ने आवास और स्वास्थ्य क्षेत्रों में केंद्र द्वारा उठाए गए विभिन्न कल्याणकारी प्रयासों को याद किया, जिनका उद्देश्य श्रीलंकाई तमिलों को लाभ पहुंचाना था और कहा कि वह उत्तरी श्रीलंका में जाफना (2015 में) का दौरा करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री थे।

उन्होंने कहा, हमारी सरकार ने श्रीलंका में तमिल भाइयों और बहनों के कल्याण और आकांक्षाओं का हमेशा ध्यान रखा है। मेरे लिए यह सम्मान की बात है कि मैं जाफना का दौरा करने वाला एकमात्र भारतीय प्रधानमंत्री हूं। विकास कार्य के माध्यम से, हम तमिल समुदाय का कल्याण सुनिश्चित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत ने उत्तर पूर्वी श्रीलंका में विस्थापित तमिलों के लिए 50,000 घरों का निर्माण किया है और बागान क्षेत्रों में और 4,000 मकानों का निर्माण किया है। हम जाफना संस्कृति केंद्र जल्द खोलने की उम्मीद करते हैं।

मोदी ने कहा, तमिल अधिकारों का मुद्दा भी श्रीलंका के नेताओं के साथ लगातार उठाया गया है। हम हमेशा यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध रहे हैं कि वे (तमिल) समानता, न्याय, शांति और गरिमा के साथ रहें। श्रीलंकाई तमिलों का मुद्दा तमिलनाडु में हमेशा से एक भावनात्मक मुद्दा रहा है और यह यहां की राजनीति पर अक्सर हावी रहा है। मोदी ने जाफना और मन्नार के लिए रेलवे परियोजनाओं में भारत के प्रयासों, चेन्नई से जाफना के लिए हवाई संपर्क और स्वास्थ्य क्षेत्र में पहलों का भी उल्लेख किया।