नई दिल्ली,। श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे दो दिवसीय दौरे पर भारत पहुंचे हैं। उन्होंने शुक्रवार को पीएम मोदी के साथ द्विपक्षीय बैठक की, जिसमें कई समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। इसके बाद हुई संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में विक्रमसिंघे ने भारत को संकट के समय मदद देने के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत जबरदस्त विकास कर रहा है।
पीएम मोदी से मिले विक्रमसिंघे
रानिल विक्रमसिंघे ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की। पीएम मोदी के अलावा विक्रमसिंघे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल से भी मिले। उनका राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु और कई महत्वपूर्ण लोगों से मुलाकात करने का कार्यक्रम है।
विक्रमसिंघे ने पीएम मोदी के साथ की द्विपक्षीय बैठक
श्रीलंका के राष्ट्रपति ने पीएम मोदी के साथ द्विपक्षीय बैठक भी की। इस दौरान कई मुद्दों पर चर्चा हुई। इसके साथ ही, दोनों देशों के बीच कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। इनमें से एक समझौता श्रीलंका में यूपीआई स्वीकृति के लिए नेटवर्क-टू-नेटवर्क समझौते के लिए है।
पीएम मोदी ने विक्रमसिंघे को दी बधाई
पीएम मोदी ने राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे और उनके प्रतिनिधिमंडल का भारत में स्वागत किया। उन्होंने आज राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे को अपने कार्यकाल का एक वर्ष पूरा करने पर शुभकामनाएं भी देता हूं। प्रधानमंत्री ने कहा,
पिछला एक वर्ष श्रीलंका के लोगों के लिए चुनौतियों से भरा रहा है। एक निकटतम मित्र होने के नाते हमेशा की तरह हम इस संकट के काल में भी श्रीलंका के लोगों के साथ खड़े रहे और जिस साहस के साथ उन्होंने इस चुनौतियों का सामना किया मैं इसके लिए उनका अभिनंदन करता हूं।
आज हमने द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और अतंरराष्ट्रीय मुद्दों पर अपने विचार साझा किए। हमारा मानना है कि भारत-श्रीलंका के सुरक्षा और विकास एक दूसरे से जुड़े रहें। इसलिए यह आवश्यक है कि हम एक-दूसरे की सुरक्षा और संवेदनाओं को ध्यान में रखते हुए साथ मिलकर काम करे।
आज हमने आर्थिक साझेदारी के लिए एक विजन डॉक्यूमेंट अपनाया है। यह विजन दोनों देशों के लोगों के बीच समुद्री, वायु, ऊर्जा और लोगों से लोगों के बीच संपर्क को मजबूत करना और पर्यटन, बिजली, व्यापार, उच्च शिक्षा और कौशल विकास में आपसी सहयोग को तेज करना है। यह श्रीलंका के प्रति भारत की दीर्घकालिक प्रतिबद्धता का दृष्टिकोण भी बनाता है।
आज हमने मछुआरों की आजीविका से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की। हम इस बात पर सहमत हैं कि हमें इस मामले पर मानवीय दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ना चाहिए। हमने श्रीलंका में पुनर्निर्माण और सुलह के बारे में भी बात की। राष्ट्रपति विक्रमसिंघे ने मुझे अपने समावेशी दृष्टिकोण के बारे में बताया। हमें उम्मीद है कि श्रीलंका सरकार तमिलों की आकांक्षाओं को पूरा करेगी और समानता, न्याय और शांति की प्रक्रिया को आगे बढ़ाएगी।
विक्रमसिंघे ने भारत का जताया आभार
श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने पीएम मोदी के साथ द्विपक्षीय बैठक के बाद कहा कि पीएम मोदी और मेरा मानना है कि भारत के दक्षिणी हिस्से से श्रीलंका तक एक बहु-परियोजना पेट्रोलियम पाइपलाइन के निर्माण से श्रीलंका को काफी मदद मिलेगी। इससे ऊर्जा संसाधनों की सस्ती और विश्वसनीय आपूर्ति सुनिश्चित होगी। इस दौरान उन्होंने भारत का आभार भी जताया।
श्रीलंका के राष्ट्रपति ने कहा- संकट के समय भारत ने दिया साथ
विक्रमसिघे ने कहा कि मैं धन्यवाद करना चाहता हूं कि संकट के समय में पीएम मोदी और भारत सरकार ने हमें अमूल्य सहयोग दिया। उन्होंने कहा,
पदभार ग्रहण करने के बाद यह मेरी भारत की पहली यात्रा है। मैंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को बधाई दी कि उनके नेतृत्व में भारत जबरदस्त विकास कर रहा है। मैंने प्रधानमंत्री को श्रीलंका के सामने आने वाली चुनौतियों और हमारे द्वारा किए गए सुधारों से भी अवगत कराया है। मैंने उन्हें अर्थव्यवस्था में सुधार लाने की अपनी प्रतिबद्धता से भी अवगत कराया, जिससे सभी वर्गों को लाभ होगा..हमें अपनी अर्थव्यवस्था को विकास पथ पर ले जाने की जरूरत है।
मैंने पीएम मोदी को उन असाधारण चुनौतियों से भी अवगत कराया है, जो श्रीलंका ने पिछले वर्ष में आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक दृष्टि से अनुभव की हैं और इन चुनौतियों पर काबू पाने के लिए मैंने कई मोर्चों पर सुधार उपायों का नेतृत्व किया है। मैंने प्रधानमंत्री मोदी और भारत के लोगों को हमारे आधुनिक इतिहास में सबसे चुनौतीपूर्ण अवधि में श्रीलंका को प्रदान की गई एकजुटता और समर्थन के लिए गहरी सराहना व्यक्त की है।
भारत ने श्रीलंका के राष्ट्रपति की यात्रा को बताया महत्वपूर्ण
विक्रमसिंघे पीएम मोदी के आमंत्रण पर भारत आए है। उनकी इस यात्रा को भारत ने महत्वपूर्ण बताया है। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि श्रीलंका में जारी आर्थिक संकट के दौरान भारत ने जो मदद की थी, वह अभी भी जारी है। इस मदद से श्रीलंका को बहुत फायदा हुआ है।