नई दिल्ली। देश में पिछले दो महीने से चल रहा बिजली संकट काफी हद तक दूर होता दिख रहा है, लेकिन अब यह सवाल उठ रहा है कि क्या ताप बिजली संयंत्रों के लिए कोयला स्टाक रखने संबंधी बिजली मंत्रालय के नए नियमों के चलते कई संयंत्रों में संकट खड़ा हुआ था। जबकि कोयले की कमी नहीं थी। बिजली मंत्रालय ने नवंबर, 2021 में घरेलू कोयले पर आधारित ताप बिजली घरों के लिए 17 दिनों से 26 दिनों तक का कोयला स्टाक रखने की व्यवस्था करने का निर्देश दिया था।
अभी इनके पास दो करोड़ टन कोयला है जो नौ दिनों के लिए पर्याप्त
यह अवधि उस समय कोयला स्टाक रखने की व्यवस्था से दोगुनी थी। जबकि हकीकत यह है कि देश के ताप बिजली घरों के पास इतनी ज्यादा मात्रा में कोयला रखने की क्षमता नहीं है। इस क्षमता के मुताबिक घरेलू कोयला पर आधारित बिजली संयंत्रों के पास छह करोड़ टन कोयला रहना चाहिए, जबकि पूर्व में इन संयंत्रों ने एक समय में अधिकतम 4.5 करोड़ टन कोयला ही स्टाक किया था। अभी इनके पास दो करोड़ टन कोयला है जो नौ दिनों के लिए पर्याप्त है।