फरीदकोट। Punjab Farmers Protest: किसान संगठनों ने लंबित मांगों को लेकर सोमवार की दोपहर मिनी सचिवालय के सभी गेट अचानक अंदर से बंद कर धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया। इससे कामकाज के लिए आए लोग अंदर फंस गए।
गेट खोलने के लिए महिलाएं व पुरुष दोनों किसानों से लोग मिन्नत करते रहे, परंतु किसानों ने किसी की बात नहीं सुनी। पुलिस-प्रशासन के अधिकारी भी गेट इस पार व उस पार फंसे रहे। किसान उनकी बात भी सुनने को तैयार नहीं दिखे। किसान अपनी मांगों को लेकर विरोध स्वरूप मिनी सचिवालय का गेट बंद किए रखे।
भारतीय किसान यूनियन सिद्दूपुर के नेतृत्व में किसानों ने मिनी सचिवालय के सभी चारों गेटों को बंद किया। यूनियन के सदस्य पिछले 38 दिनों से कृषि आंदोलन के दौरान दिल्ली बार्डर पर जान गंवाने वाले किसानों के परिवारों के लिए पंजाब सरकार से मुआवजे की मांग कर रहे है। हालांकि सरकार और प्रशासन द्वारा उनकी मांगें न सुनी जाने को देखते हुए किसानों द्वारा सोमवार की दोपहर विरोध-स्वरूप गेटों को अस्थाई रूप से बंद करने का फैसला किया। गेटों के बंद होने से वाहन चालक तो अंदर ही फंस गए, परंतु पैदल आने-जाने वाले लोग दिवाल फांदाकर अंदर से बाहर आते हुए दिखाई दिए।
दिल्ली आंदाेलन में जान गंवाने वाले किसानाें के लिए मांग रहे मुआवजा
फ़रीदकोट के मिनी सचिवालय में दिल्ली के आंदोलन में जांन गंवाने वाले किसान परिवारों को मुआवजे के लिए भाकियू एकता सिद्धूपुर के नेतृत्व में किसान पिछले 38 दिनों से धरना दे रहे हैं। इसकाे लेकर ही साेमवार काे किसानाें ने मिनी सचिवालय का घेराव किया है। किसानाें ने सभी गेट बंद करके प्रदर्शन शुरू किया है। वादे के मुताबिक मुआवजा जारी ना किए जाने से रोष है। गाैरतलब है कि किसानाें ने दिल्ली के बार्डर पर कई महीने तक कृषि सुधार कानूनाें के विराेध में धरना प्रदर्शन किया था।