कांग्रेसियों ने जताया विरोध
बेनीवाल की टिप्पणी के खिलाफ शनिवार को बावड़ी पंचायत समिति के कांग्रेस कार्यकर्ता व पदाधिकारी बावड़ी उपखंड पर पहुंचे और वहां जन आक्रोश सभा करते हुए अनेक व्यक्तो ने बेनीवाल द्वारा कि गई टिप्पणी की निंदा करते हुए विरोध प्रकट किया। वक्ताओं ने बताया कि मदेरणा परिवार किसान वर्ग की आन-बान और शान है और स्व. परसराम मदेरणा जैसे विराट व्यक्तित्व पर हम किसी तरह की तुच्छ टिप्पणी हम बर्दाश्त नही करेंगे। मारवाड़ की किसान राजनीति में स्व. मदेरणा साहब का कद बहुत बड़ा रहा है और उनके प्रति 36 कौम का मान सम्मान है। मदेरणा परिवार की तीसरी पीढ़ी के रूप में दिव्या मदेरणा किसान राजनीति का झंडा बुलंद कर रही हैं।
जानें, क्या कहा था बेनीवाल ने
पिछले कुछ समय से दिव्या मदेरणा और हनुमान बेनीवाल के बीच जुबानी जंग जारी है। दोनों जब एक-दूसरे के विधानसभा क्षेत्रों में जाते हैं, तब एक-दूसरे पर बयानबाजी करते हैं। इधर, इस बार हनुमान बेनीवाल ने जोधपुर के ओसियां क्षेत्र में जनसभा में कहा कि मेरी चिंता छोड़ दो मैं जिसके पीछे पड़ता हूं, उसे खत्म करके रहता हूं। दिव्या को विकास की चिंता छोड़ शादी कर लेनी चाहिए, क्योंकि शादी से दिमाग सही रहता है। उन्होंने कहा कि महिपाल मदेरणा नहीं रहे, इसलिए हम सबको इसकी चिंता करनी चाहिए। मुझे भी शादी में बुलाना आशीर्वाद देने आऊंगा।
बेनीवाल ने कहा कि खींवसर का टेंपरेचर कोई नहीं नाप सकता, आपके दादाजी होते वह भी नहीं नाप पाते। बेनीवाल ने कहा कि ओसियां विधानसभा का चुनाव था तो दोनों मां-बेटी रोते हुए मेरे पास आई थीं कि हमारी मदद कर दो। अगर मैं अपना उम्मीदवार खड़ा कर देता तो हारना पड़ता। मारवाड़ के दिग्गज जाट नेता रहे परसराम मदेरणा को लेकर भी बेनीवाल ने बयानबाजी की। बेनीवाल ने कहा कि वे सीएम बनना चाहते थे तो रोका किसने था। उनको सीएम बनना ही नहीं था। बस बार-बार टोपी जरूर बदलते थे। भोपालगढ़ कांड में किसानों पर कार्रवाई हुई तो वे खुद मंत्री थे। 1998 में दोबारा बोले कि मैं सीएम का दावेदार। उन्होंने जाटों की नाक कटवा दी। कभी गहलोत तो कभी सुखाडिया की गुलामी की। बेनीवाल ने दिव्या मदेरणा के परिवार पर भी लगातार हमला किया। उन्होंने कहा था कि महिपाल मदेरणा की भंवरी वाली सीडी आई थी। इतनी लंबी थी की दो से तीन बार में देखना पड़ता। सीडी के आने के बाद देश में समाज के मान सम्मान को ठेस लगी।