आपको बता दें 1 फरवरी को सीतारमण ने देश का बजट पेश किया था, जिसमें राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 6.8 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया था. इसके अलावा इस घाटे को मार्च 2026 में समाप्त फाइनेंशियल ईय़र में 4.5 फीसदी पर लाने का लक्ष्य रखा गया है.
12 लाख करोड़ जुटाने का है लक्ष्य
कोविड-19 महामारी से प्रभावित चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा जीडीपी के 9.5 प्रतिशत तक पहुंचने का अनुमान है. बजट में अगले वित्त वर्ष के दौरान 12 लाख करोड़ रुपये का बाजार से कर्ज जुटाने का लक्ष्य रखा है. जीडीपी की वृद्धि दर 14.4 प्रतिशत
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास कह चुके हैं कि केंद्रीय बैंक घरेलू बाजार से कर्ज जुटाने के सरकार के कार्यक्रम को संभालेगा. बजट में अगले साल बाजार मूल्य पर जीडीपी की वृद्धि दर 14.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है. सीतारमण ने राजस्व में अगले साल 16.7 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान लगाया है. वर्ष के दौरान जीडीपी की वास्तविक (स्थिर मूल्य पर आधारित) वृद्धि दर 10-10.5 प्रतिशत के दायरे में रहने का अनुमान है. वृद्धि को प्रोत्साहित करने के लिए अगले वित्त वर्ष में पूंजीगत खर्च को वर्तमान वर्ष के संशोधित 4.2 लाख करोड़ रुपये से बढ़ा कर 5.54 लाख करोड़ रुपये करने का लक्ष्य है.