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RBI ब्याज दरों में कर सकता है 25 से 35 आधार अंकों की वृद्धि, एक्सपर्ट्स ने कही ये बड़ी बात


नई दिल्ली, । अमेरिकी फेडरल बैंक द्वारा ब्याज दर बढ़ाने के कुछ दिनों बाद आरबीआई उच्च खुदरा महंगाई पर लगाम लगाने के लिए लगातार तीसरी बार नीतिगत दरों में 25 से 35 आधार अंकों की बढ़ोतरी कर सकता है। केंद्रीय बैंक ने पहले ही अपने उदार मौद्रिक नीति रुख को धीरे-धीरे वापस लेने की घोषणा की है।मौद्रिक नीति समिति मौजूदा आर्थिक स्थिति पर विचार-विमर्श करने और शुक्रवार को इसकी द्विमासिक समीक्षा की घोषणा करने के लिए 3 अगस्त को तीन दिनों के लिए बैठक करेगी।

खुदरा महंगाई छह महीने के लिए 6 फीसद से ऊपर रहने के साथ ही आरबीआई ने अल्पकालिक उधार दर (रेपो) को दो बार मई में 40 आधार अंक और जून में 50 आधार अंक बढ़ाया था। 4.9 फीसद की मौजूदा रेपो दर अभी भी 5.15 प्रतिशत के पूर्व-कोविड स्तर से नीचे है। महामारी के प्रकोप से पैदा संकट से निपटने के लिए केंद्रीय बैंक ने 2020 में बेंचमार्क दर में तेजी से कमी की थी।

विशेषज्ञों का विचार है कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) इस सप्ताह बेंचमार्क दर को कम से कम पूर्व-महामारी के स्तर तक बढ़ा देगा। बोफा ग्लोबल रिसर्च की रिपोर्ट में कहा गया है कि हम उम्मीद करते हैं कि आरबीआई 5 अगस्त को पॉलिसी रेपो रेट को 35 बीपीएस तक  बढ़ा देगा। इसमें कहा गया है कि आक्रामक 50 बीपीएस और 25 बीपीएस की वृद्धि की संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता है।

वहीं, बैंक ऑफ बड़ौदा की एक शोध रिपोर्ट में कहा गया है कि फेडरल रिजर्व ने CY22 में जहां 225 बीपीएस की दर से बढ़ोतरी की, वहीं आरबीआई ने रेपो रेट में 90 बीपीएस की बढ़ोतरी की है। फेड द्वारा एक आक्रामक दर वृद्धि से लग रहा है कि आरबीआई अपनी दरों में बढ़ोतरी को भी आगे बढ़ा सकता है। हालांकि, आरबीआई द्वारा आक्रामक रुख नहीं अपनाया जाएगा।

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की महंगाई आरबीआई के अनुमानों के अनुरूप होने की संभावना है। इसलिए, हम उम्मीद करते हैं कि आरबीआई अगस्त 22 में केवल 25 बीपीएस की वृद्धि कर सकता है, इसके बाद भी एक वृद्धि 25 बीपीएस की हो सकती है। अगली दो बैठकों में दरों में वृद्धि की जाने की उम्मीद है।

सरकार ने रिजर्व बैंक को यह सुनिश्चित करने का काम सौंपा है कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई दोनों तरफ दो प्रतिशत के अंतर के साथ 4 प्रतिशत पर बनी रहे। हाउसिंग डॉट कॉम के ग्रुप सीईओ ध्रुव अग्रवाल ने कहा कि जहां यूएस फेड समेत दुनिया भर के अन्य बैंकिंग रेगुलेटर आक्रामक तरीके से दरें बढ़ा रहे हैं, वहीं भारत की स्थिति अभी तक इस तरह के दृष्टिकोण की गारंटी नहीं देती है। उन्होंने कहा, ‘हमारे अनुमान में यह 20-25 आधार अंक के दायरे में रहने की उम्मीद है।

एक रिपोर्ट में, डीबीएस ग्रुप रिसर्च में कार्यकारी निदेशक और वरिष्ठ अर्थशास्त्री राधिका राव ने कहा कि आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति के अगले दो तिमाहियों में मूल्य स्थिरता पर ध्यान केंद्रित करने की उम्मीद है। जुलाई-सितंबर तिमाही में हम अगस्त में 35 बीपीएस की बढ़ोतरी की उम्मीद करते हैं, इसके बाद टर्मिनल दर के लिए तीन 25 बीपीएस की वृद्धि वित्त वर्ष 23 के अंत तक 6 प्रतिशत पर बंद हो जाएगी।