मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने गुरुवार को कहा कि हम सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण को लेकर सरकार के साथ चर्चा कर रहे हैं और इस संदर्भ में प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि आरबीआई कीमत और वित्तीय स्थिरता बनाए रखते हुए अर्थव्यवस्था में पुनरुद्धार के लिए अपने सभी नीतिगत उपायों के उपयोग को लेकर प्रतिबद्ध है।
उल्लेखनीय है कि वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को 2021-22 का बजट पेश करते हुए सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों और एक साधारण बीमा कंपनी के निजीकरण का प्रस्ताव किया था। उन्होंने यह भी कहा कि देश में कोविड-19 संक्रमण के बढ़ते मामले चिंता की बात है लेकिन इससे निपटने के लिए इस बार हमारे पास अतिरिक्त उपाय हैं। दास ने भरोसा जताया कि कोरोना वायरस संक्रमण की नई लहर से आर्थिक वृद्धि में सुधार की रफ्तार प्रभावित नहीं होगी और आरबीआई ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए 10.5 प्रतिशत के हालिया वृद्धि लक्ष्य को बरकरार रखा है। कोविड-19 वायरस का संक्रमण तेजी से बढ़ने और कई शहरों में इसके चलते लॉकडाउन लगाने की आशंकाओं के बीच आरबीआई गवर्नर का आश्वासन महत्वपूर्ण है।
दास ने कहा कि आर्थिक गतिविधियों का पुनरुद्धार निर्बाध रूप से जारी रहना चाहिए और मुझे वित्त वर्ष 2021-22 के लिए आरबीआई के 10.5 प्रतिशत वृद्धि अनुमानों को घटाने की जरूरत नहीं लगती। साथ ही उन्होंने कहा कि इस समय किसी को भी पिछले साल जैसे लॉकडाउन की आशंका नहीं है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने यह भी कहा कि आर्थिक पुनरुद्धार निर्बाध रूप से जारी रहना चाहिए, वित्त वर्ष 2021-22 के लिए आरबीआई के 10.5 प्रतिशत वृद्धि अनुमानों को घटाने की जरूरत नहीं लगती।
सेवाओं की बेहतर डिलिवरी के लिए वित्तीय क्षेत्र में नवप्रवर्तन की जरूरत पर बल देते हुए आरबीआई गवर्नर ने नवोन्मेष को बढ़ावा देने वाले प्रभावी नियमन का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि आरटीजीएस और एनईएफटी की सुविधा अब 24 घंटे उपलब्ध है। आरटीजीएस में विभिन्न मुद्राओं में लेन-देन की क्षमता है। इस बात की संभावना पर विचार करने की जरूरत है कि क्या इसका दायरा भारत से बाहर भी बढ़ाया जा सकता है।दास ने कहा कि रिजर्व बैंक के लिए प्रभावी नियमन प्राथमिकता है और कायदा-कानून ऐसे नहीं होने चाहिए जो वित्तीय प्रौद्योगिकी को प्रोत्साहित करे। उन्होंने यह भी कहा कि मजबूत पूंजी आधार के साथ बैंक क्षेत्र की वित्तीय सेहत, नैतिक मानदंडों के साथ संचालन व्यवस्था बनाए रखना हमारी प्राथमिकता है। दास ने कहा कि ग्राहकों को बेहतर सेवा देने के लिए प्रौद्योगिकी और नवप्रवर्तन की महत्वपूर्ण भूमिका है।