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‘RSS की तालिबान से तुलना, हिंदू संस्कृति का अपमान है’, जावेद अख्तर के बयान पर शिवसेना भड़की


  • मुंबई, 06 सितंबर: शिवसेना ने सोमवार (05 सितंबर) को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) की तुलना तालिबान से करने के लिए गीतकार जावेद अख्तर की आलोचना की है। शिवसेना ने कहा है कि तालिबान से आरएसएस की तुलना “हिंदू संस्कृति के लिए अपमानजनक” है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में कहा है कि तालिबान और आरएसएस की तुलना करने वालों को “आत्मनिरीक्षण” करने की जरूरत है।

‘RSS की तुलना तालिबान से बहुत गलत है’

सामना में शिवसेना ने कहा है, ”इन दिनों, कुछ लोग किसी की तुलना तालिबान से कर रहे हैं क्योंकि यह समाज और मानव जाति के लिए सबसे बड़ा खतरा है। पाकिस्तान और चीन, जो लोकतंत्र नहीं हैं, अफगानिस्तान में तालिबान का समर्थन कर रहे हैं क्योंकि इन दोनों देशों में मानवाधिकारों का कोई स्थान नहीं है। हालाँकि, हम एक लोकतांत्रिक राष्ट्र हैं जहां एक व्यक्ति की स्वतंत्रता का सम्मान किया जाता है। इसलिए, आरएसएस की तालिबान से तुलना करना गलत है। भारत हर तरह से बेहद सहिष्णु है।”

‘RSS और विहिप हिंदुओं के अधिकारों के लिए खड़े रहते हैं’

संपादकीय में कहा गया है कि आरएसएस और विहिप जैसे संगठनों के लिए हिंदुत्व एक “संस्कृति” है। इसमें कहा गया है, ‘आरएसएस और विहिप चाहते हैं कि हिंदुओं के अधिकारों का दमन न किया जाए। इसके अलावा, उन्होंने कभी भी महिलाओं के अधिकारों पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया। हालांकि अफगानिस्तान की स्थिति भयावह है। लोग डर के मारे अपने देश से भाग गए और महिलाओं के अधिकारों का दमन किया जा रहा है।”

‘संघ की तालिबान से तुलना स्वीकार नहीं किया जाएगा’

सामना ने जावेद अख्तर को ऐसे व्यक्ति के रूप में बताया है जो अपने “मुखर” बयानों के लिए जाने जाते हैं और उन्होंने मुस्लिम समाज के चरमपंथी विचारों पर भी हमला किया है। शिवसेना ने कहा, हालांकि संघ की तालिबान से तुलना करना स्वीकार्य नहीं है। हमारे देश में ज्यादातर लोग धर्मनिरपेक्ष हैं और तालिबान की विचारधारा को स्वीकार नहीं करेंगे। हिंदुओं के बहुसंख्यक समुदाय होने के बावजूद भारत गर्व से धर्मनिरपेक्ष है।”