विदेश कार्यालय के प्रवक्ता जाहिद हफीज चौधरी ने यहां अपनी साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग के दौरान संवाददाताओं से कहा, ‘पाकिस्तान दक्षेस सम्मेलन का आयोजन करने के लिए प्रतिबद्ध है…उसका मानना है कि दक्षेस शिखर सम्मेलन के आयोजन के दौरान आने वाली कृत्रिम बाधाओं को हटा दिया जाना चाहिए.’ पिछले दक्षेस सम्मेलन की मेजबानी 2014 में काठमांडू ने की थी.
वर्ष 2016 में दक्षेस सम्मेलन का आयोजन इस्लामाबाद में होना था, लेकिन उस साल 18 सितम्बर को जम्मू कश्मीर के उरी में भारतीय सेना के शिविर पर आतंकवादी हमले के बाद भारत ने ‘मौजूदा हालातों’ के कारण सम्मेलन में भाग लेने में असमर्थता व्यक्त की थी. बांग्लादेश, भूटान और अफगानिस्तान द्वारा इस्लामाबाद की बैठक में भाग लेने से इनकार करने के बाद शिखर सम्मेलन का आयोजन नहीं हो सका था.
चौधरी ने मीडिया ब्रीफिंग के दौरान उन रिपोर्टों को भी खारिज किया कि पाकिस्तान भारत से कोविड-19 टीके का आयात कर रहा है. उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘पाकिस्तान ने भारत से कोविड-19 टीके के लिए कोई भी द्विपक्षीय खरीद समझौता नहीं किया है.’ खास बात है कि भारत पड़ोसी मुल्कों के अलावा दुनिया के कई देशों को मुफ्त वैक्सीन मुहैया करा चुका है.