संभल। कभी अलकायदा तो अब आईएसआईएस। संभल के नाम एक बार दाग लगा तो मिटने का नाम नहीं ले रहा है। 25 साल पहले संभल के युवा भटके और एक तो अलकायदा का दक्षिण एशिया चीफ तक बन गया। उसे अमेरिका की वैश्विक सूची में शामिल किया गया और अफगानिस्तान में मिसाइल हमले में वर्ष 2019 में वह मारा गया। जबकि उसी के साथ 25 साल पहले लापता हुए तीन अन्य युवकों का अब तक पता नहीं है।
इसके बाद भी संभल के कई युवा आतंकी वारदात में शामिल पाए गए जिसमें से उन्हें सजा तक हुई। इन सबको दिल्ली में ही पकड़ा गया था। यह सब बंद हुए तीन साल भी नहीं हुए थे अब आईएसआईएस से संलिप्तता के शक में उठाए गए चार युवकों को लेकर संभल फिर चर्चा में आ चुका है।
एटीएस ने डाला है डेरा
एटीएस ने भी कई दिनों से इसके लिए डेरा डाल लिया था। शहर के एक मुहल्ले में रहते हुए उन्होंने आतंक के आरोपितों पर पूरी नजर भी रखी थी। जब उठाया तो वह भी कुछ समझ नहीं पाए पर एटीएस की रडार पर वह पहले दिन से ही थे। एक साथ टीम ने उन्हें उठाया और लेकर चली गई। हालांकि इस पूरी कार्रवाई से जनपद की पुलिस अनभिज्ञ है।
ये हैं संभल के वह युवा, जिनसे दागदार हुआ दामन
अलकायदा से भी संभल का नाम जुड़ा है। यहां से आधा दर्जन से ज्यादा का नाम इस नेटवर्क से जुड़ा है। हालांकि जिनका नाम जुड़ा वह युवा डेढ से दो दशक पहले ही संभल छोड़ चुके हैं। दीपा सराय के आसिम का नाम भी आतंक से जुड़ा था। उसे अलकायदा का इंडिया चीफ बताया गया था। उसकी गिरफ्तारी 16 दिसंबर 2015 को दिल्ली में हुई थी।
उसके अलावा आसिम का मददगार होने के आरोप में संभल के जफर मसूद को भी इस लिस्ट में डाला गया था। जबकि संभल का ही आसिफ उर्फ सना उल हक तो वैश्विक आतंकवादी की सूची में था। उसे अफगानिस्तान में चार साल पहले अमेरिकी हमले में मारा गया था। इसके अलावा सैयद अख्तर, मोहम्मद शरजील अख्तर और उस्मान पर भी आतंकवादी होने का आरोप है। यह संभल के रहने वाले हैं और कई सालों से गायब हैं।
शरजील और सईद अख्तर के बारे में अब तक सुराग नहीं
मौलाना आसिम उमर उर्फ शना उर्फ शन्नू के लापता होने के समय में ही दीपा सराय निवासी सईद अख्तर भी लापता हुआ था। वर्ष 2005 में दिल्ली से आई खुफिया एजेंसी की टीम ने सईद के आतंकी संगठन से जुड़े होने की जानकारी उसके स्वजनों को दी थी।
स्वजनों ने कई वर्ष पहले लापता होने की बात कही थी। उसके बाद से ही दिल्ली से आने वाली टीमें छानबीन करने में जुटी रहती हैं। शरजील का फोटो दिल्ली की स्पेशल सेल ने सभी थानों में चस्पा किए हुए हैं। शरजील के बारे में आतंकी गतिविधियों में शामिल होने की बात दिल्ली पुलिस कहती है लेकिन शरजील और सईद अख्तर कहां हैं इसकी जानकारी किसी को नहीं है।
सबसे पहले 1998 चर्चा में आया था संभल
1998 में अचानक से कई युवा लापता हुए थे। उस समय मोबाइल का दौर नहीं था। जानकारी पुलिस जुटा नहीं सकी और स्वजनों ने कोई गुमशुदगी दर्ज नहीं कराई। बाद में कुछ आतंकी गतिविधियों में युवाओं के शामिल होने की जानकारी खुफिया एजेंसियों को हुई तो छानबीन बढ़ी। उसके बाद से ही संभल देश की बड़ी खुफिया एजेंसियों की निगाह में चढ़ा हुआ है। दिल्ली की स्पेशल सेल, एटीएस, एनआईए तक की कार्रवाई हो चुकी है।
आतंकी गतिविधियों में शामिल रहे दीपा सराय निवासी मोहम्मद आसिफ और जफर मसूद सजा भी पा चुके हैं। वह अलकायदा की सहायक शाखा अलकायदा इन इंडियन सबकॉन्टिनेंट (एक्यूआईएस) के लिए काम करते थे। आतंकी बनाने के लिए युवाओं को भर्ती करने का काम था। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने 14 फरवरी 2023 को सात वर्ष से ज्यादा की सजा सुनाई थी।
अमेरिका के आतंकी सूची में था नाम
शन्नू भी 1998 में लापता हुआ था। जब वर्ष 2016 में अमेरिका ने वैश्विक आतंकी की सूची जारी की तो इसका नाम भी सामने आया था। आसिम को अफगानिस्तान के मूसा काला जिले में अमेरिका व अफगानिस्तान के संयुक्त ऑपरेशन में मिसाइल अटैक से मारा गया। मौलाना आसिम के मारे जाने के बाद खुफिया एजेंसी फिर से सतर्क हुई थीं और जो युवा लापता हुए थे उनकी जानकारी जुटाई थी लेकिन सफलता नहीं मिली थी।