नई दिल्ली, । देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने जन धन खातों सहित दूसरे बचत अकाउंट से अतिरिक्त सेवाओं के रूप में 2017-18 से अक्टूबर 2021 तक लगभग 346 करोड़ रुपये वसूले हैं। ये वे सर्विस थीं, जो बैंक की मुफ्त सेवाओं से परे थीं। वित्त मंत्रालय की ताजा रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है।
346 करोड़ रुपये की हुई वसूली
वित्त राज्य मंत्री भागवत कराड ने संसद में कहा कि एसबीआई ने सूचित किया है कि उसने 2017-18 से अक्टूबर 2021 के दौरान ग्राहकों द्वारा मांगी गई दूसरी सेवाओं पर 345.84 करोड़ रुपये का शुल्क लिया है। सीबीडीटी के 30 अगस्त, 2020 के दिशानिर्देशों के अनुसार, बैंकों को सूचित किया गया था कि वे 1 जनवरी, 2020 को या उसके बाद इलेक्ट्रॉनिक मोड अर्थात Rupay डेबिट कार्ड, यूपीआई, यूपीआई क्यूआर कोड से किए गए लेन-देन पर अगर कोई फीस ली हो तो वापस करें।