तरनतारन। गांव भारत के पंजाब का है लेकिन यहां के लोग यह दुआ कर रहे हैं कि शाहबाज शरीफ (Shahbaz Sharif) पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बनें। पाकिस्तान में इमरान खान की सरकार के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव पारित होने के बाद नए प्रधानमंत्री के चयन के लिए संयुक्त विपक्ष के उम्मीदवार के रूप में शहबाज शरीफ का नाम आया है। इससे शरीफ परिवार के पैतृक गांव जाति उमरा में ग्रामीणों में खुशी छा गई है। उनके पैतृक गांव में लोग उनके पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बनने की अरदास कर रहे हैं।
विधानसभा हलका बाबा बकाला में आता गांव जाति उमरा पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ व पाकिस्तानी पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री शहबाज शरीफ के पुरखों का है। गांव के सरपंच रछपाल सिंह, पूर्व सरपंच दिलबाग सिंह व जसपाल सिंह ने दैनिक जागरण को बताया कि रविवार को गांव के उस गुरुद्वारा साहिब में शरीफ परिवार की चढ़दी कला के लिए अरदास की गई, जो इस परिवार की पुरखों की हवेली होता था।
1932 में लाहौर चला गया था परिवार
बकौल बुजुर्ग ज्ञान सिंह, मैं नवाज शरीफ से नहीं मिला, परंतु उनके परिवार की गांव के साथ लगाव से अच्छी तरह वाकिफ हूं। 1932 में यह परिवार लाहौर चला गया था। 1947 में देश के बंटवारे के दौरान दोनों देशों के बीच लकीर खींची गई, परंतु शरीफ परिवार पर जब भी कोई संकट आया तो इस गांव के गुरुद्वारा साहिब में परिवार की चढ़दी कला के लिए अरदास की गई।
गुरुद्वारा साहिब में अरदास दौरान ग्रंथी कुलदीप सिंह, सरपंच रछपाल सिंह, पूर्व सरपंच दिलबाग सिंह, जसपाल सिंह व ग्रामीण। जागरण
गुरुद्वारा साहिब के ग्रंथी कुलदीप सिंह, ग्रामीण लक्खा सिंह, निरवैल सिंह, बचन सिंह व केवल सिंह ने बताया कि 1932 में शरीफ परिवार जब लाहौर गया तो वहां पर कारखाना लगाया। देश के बंटवारे से पहले उनके कारखाने में गांव के लोग काम करते थे।
शरीफ परिवार ने पाकिस्तान में बसाया जाति उमरा
शरीफ परिवार को अपने पैतृक गांव जाति उमरा से इतना प्यार है कि उन्होंने पाकिस्तान में लाहौर के पास बाकायदा जाति उमरा को 175 एकड़ में बसाया है। शरीफ परिवार ने लाहौर के पास अपना जो आशियाना बनाया है, उसे पैतृक गांव की याद में जाति उमरा नाम ही दिया है। यहां उनके बने आवास काे रायविंड पैलेस के नाम से जाना जाता है।