पटना। कार्तिक शुक्ल एकादशी 12 नवंबर को देवोत्थान एकादशी के दिन भगवान विष्णु चार मास बाद योग निद्रा से जागृत होंगे। देवोत्थान एकादशी के दिन श्रद्धालु तुलसी विवाह पर्व मनाएंगे। भगवान श्रीहरि के योग निद्रा से जागृत होने के बाद चातुर्मास का समापन होने के साथ मांगलिक कार्य आरंभ हो जाएगा। बीते चार मास से मांगलिक कार्य पर विराम लगा हुआ है।
देवोत्थान एकादशी 12 नवंबर को मनाई जाएगी। इस दिन भगवान विष्णु चार महीने की योग निद्रा से जागेंगे। इस दिन तुलसी विवाह भी होगा। देवोत्थान एकादशी के बाद मांगलिक कार्य शुरू हो जाएंगे। 18 नवंबर से शादी-ब्याह के लिए शुभ मुहूर्त शुरू हो रहे हैं। इस साल मिथिला पंचांग के अनुसार 9 और बनारसी पंचांग के अनुसार 18 विवाह के शुभ मुहूर्त हैं।
देवोत्थान एकादशी के बाद 18 नवंबर से शादी-ब्याह आरंभ होने के साथ शहनाई बजेगी। 12 नवंबर मंगलवार को कार्तिक शुक्ल पक्ष में देवोत्थान एकादशी के दिन हर्षण व सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग बना रहेगा। घरों से लेकर मंदिरों में भगवान विष्णु शंख, डमरू, मृदंग, झाल और घंटी बजा कर योग निद्रा से जागृत किया जाएगा।
इस दिन वैष्णव जन व साधु-संत एकादशी का व्रत करेंगे। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, एकादशी का व्रत करने से घरों में भगवान विष्णु व मां लक्ष्मी का वास हाेने के साथ अकाल मृत्यु नहीं होती। एकादशी के दिन घरों से लेकर मंदिरों में भगवान विष्णु की पूजा अर्चना कर श्रद्धालु परिवार की कुशलता के लिए प्रार्थना करेंगे।