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Spain में सिख युवक से बदसलूकी, फुटबॉल मैच में रेफरी ने पगड़ी उतारने को कहा; किया बायकॉट


मैड्रिड स्पेन में एक फुटबॉल मैच के दौरान 15 वर्षीय सिख युवक के साथ बदसलूकी का मामला सामने आया है। जहां एक फुटबॉल मैच के दौरान एक रेफरी ने उसे अपनी पगड़ी उतारने के लिए कहा। रेफरी ने उससे कहा कि खेल के नियमों के अनुसार टोपी पहनना प्रतिबंधित है, इसलिए वे अपनी पगड़ी उतार ले।

सिख खिलाड़ी पर बनाया पगड़ी उतारने का दबाव

सिख एक्सपो के इंस्टाग्राम पेज ने ला वंगार्डिया अखबार के हवाले से कहा कि पिछले सभी मैचों में रेफरी ने अराटिया सी टीम के खिलाड़ी गुरप्रीत सिंह कोपगड़ी पहनने की अनुमति दी थी। हालांकि, मैच के दौरान खिलाड़ियों ने यह समझाने की सिफारिश की यह उनके धर्म से जुड़ा एक महत्वपूर्ण हिस्सा। जिसके साथ उन्होंने हमेशा ही खेला है, लेकिन रेफरी अपनी बात पर अड़ा रहा। जिसके बाद दोनों टीमों ने रेफरी के फैसले के खिलाफ मैच न खेलने का निर्णय लिया।

क्लब अराटिया के अध्यक्ष ने किया गुरप्रीत का समर्थन

क्लब अराटिया के अध्यक्ष पेड्रो ओरमज़ाबल कहते हैं कि वह पिछले पांच सालों से ऐसे ही खेल रहा है और इस दौरान उसे कोई परेशानी नहीं हुई। साथ ही टीम के खिलाड़ियों ने भी इस पर कोई आपत्ति नहीं जताई। यह ऐसी चीज है जो पूर्ण सामान्यता के साथ की गई है, लेकिन मैच के दौरान खिलाड़ी गुरप्रीत की पगड़ी को लेकर रेफरी द्वारा सवाल उठाए गए। हम मानते हैं कि यह उनके धर्म से जुड़ा महत्वपूर्ण अंग है।

गुरप्रीत के समर्थन में उतरी प्रतिद्वंद्वी टीम

क्लब अराटिया के अध्यक्ष ने बताया कि जब गुरप्रीत से पटका उतारने के लिए कहा गया तो सबसे पहले उसके साथी खिलाड़ियों ने उसका समर्थन किया था। उन्होंने कहा कि इसे लेकर कोच भी काफी स्पष्ट थे। इसके बाद उन्होंने मैच से हटने का फैसला किया। बाद में उनके परिवार व प्रतिद्वंद्वी टीम ने गुरप्रीत का समर्थन किया।

क्या बोले सोशल मीडिया यूजर्स

वहीं, खिलाड़ियों व टीम द्वारा गुरप्रीत का समर्थन किए जाने पर सोशल मीडिया यूजर्स ने खुशी जताई है। यूजर्स जसकीरत कौर ने टिप्पणी की है कि गुरप्रीत के साथ जो हुआ, वह फिर से दोहराया नहीं जाएगा। टीम की एकजुटता देखकर मुझे खुशी हुई है। फीफा के एक नियम के अनुसार, पुरुष फुटबॉल खिलाड़ी मैचों के दौरान पगड़ी पहन सकते हैं।