कोलंबो, एएनआइ। श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे (Mahinda Rajapaksa) सोमवार को नई कैबिनेट की पहली बैठक में राजनीतिक पार्टियों द्वारा दिए गए प्रस्तावों को पेश करेंगे। संविधान के 21वें संशोधन को लेकर दिए गए इन प्रस्तावों को राजनीतिक दलों ने संसद में पेश किया था। यह प्रस्ताव विपक्षी दल समागी जन बलवेगया ( Samagi Jana Balawegaya, SJB), यूनाइटेड नेशनल पार्टी (United National Party,UNP) और हाल में ही निर्दलीय घोषित किए गए हैं सांसदों के ग्रुप ने संसद के अध्यक्ष को ये प्रस्ताव पेश किए।
SJB ने देश में राष्ट्रपति शासन प्रणाली को खत्म करने के प्रावधान वाला एक संवैधानिक संशोधन विधेयक पेश किया है। विपक्ष ने देश में 1978 से लागू राष्ट्रपति प्रणाली को समाप्त कर संवैधानिक लोकतंत्र को दोबारा बहाल करने की मांग की है। SJB ने मौजूदा राष्ट्रपति प्रणाली के उन्मूलन सहित विभिन्न प्रस्तावों वाले 21वें संविधान संशोधन विधेयक का मसौदा संसद के महासचिव को सौंपा।
नए कैबिनेट की पहली मीटिंग आज
राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के नेतृत्व में नए गठित कैबिनेट की पहली मीटिंग आज शाम पांच बजे से शुरू होगी। नए कैबिनेट ने 18 अप्रैल को शपथ लिया था। इसी माह की शुरुआत में कैबिनेट के कई मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया था। स्थानीय मीडिया कोलंबो पेज के अनुसार मंजूरी मिलने के बाद कैबिनेट के इन प्रस्तावों को लीगल ड्राफ्ट्समैन्स डिपार्टमेंट फार एडाप्शन को भेजा जाएगा। संसद में राजनीतिक दल के नेताओं ने 20वें संशोधन को रद करने पर सहमति दी है और ये सब संविधान में 21वें संशोधन के लिए तैयार हैं।