आगरा। ताजमहल में सावन में जलाभिषेक व दुग्धाभिषेक और अन्य त्योहारों पर पूजा-अर्चना की मांग से सम्बंधित वाद में बुधवार को लघु वाद न्यायालय में सुनवाई हुई। सैयद इब्राहिम हुसैन जैदी के वाद में पक्षकार बनने के प्रार्थना पत्र पर एएसआई के अधिवक्ता ने आपत्ति दाखिल की। मामले में अगली सुनवाई 16 दिसम्बर को होगी।
ताजमहल में जलाभिषेक और पूजा-अर्चना की मांग को लेकर चल रहे मुकदमे में बुधवार को सुनवाई हुई। इस दौरान एएसआई ने सैयद इब्राहिम हुसैन जैदी के पक्षकार बनने पर आपत्ति जताई। अगली सुनवाई 16 दिसंबर को होगी। एएसआई के अधिवक्ता का तर्क है कि ताजमहल के वाद में कहा कि ताजमहल सरकारी संपत्ति है और इसके लिए एएसआई की जिम्मेदारी तय है।
योगी यूथ ब्रिगेड के प्रदेश अध्यक्ष अजय तोमर ने 23 जुलाई को ताजमहल में पूजा-अर्चना की अनुमति मांगने को वाद दायर किया था। उन्होंने ताजमहल के शिव मंदिर तेजोमहालय होने का दावा किया था।
कांग्रेस नेता सैयद इब्राहिम हुसैन जैदी ने 24 सितम्बर को वाद में पक्षकार बनने को अधिवक्ता रईसुद्दीन के माध्यम से प्रार्थना पत्र दिया था। उन्होंने ताजमहल को मकबरा और वक्फ सम्पत्ति बताया था। इस पर वादी अधिवक्ता शिव आधार सिंह तोमर ने सात अक्टूबर को आपत्ति दाखिल करते हुए कहा था कि ताजमहल सैयद इब्राहिम हुसैन जैदी की निजी संपत्ति नहीं है। न वह शाहजहां के वंशज हैं। ताजमहल सरकारी इमारत है, इसलिए उन्हें वाद लड़ने का कोई अधिकार नहीं है।