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Udaipur : इंटरनेट मीडिया के जरिये युवाओं को जोड़ रहे आतंकी संगठन, हत्‍याकांड की छानबीन


जयपुर। उदयपुर में हिंदू दर्जी कन्हैयालाल की बर्बर तरीके से की गई हत्या की जांच में रोज नए राजफाश हो रहे हैं। एटीएस और खुफिया पुलिस की जांच में सामने आया है कि आतंकी संगठन इंटरनेट मीडिया के जरिये युवाओं को बरगला कर अपने साथ जोड़ रहे हैं। इस काम में कई स्कालर जुटे हैं। पैसों का लालच देकर बेरोजगार युवाओं को दावत-ए-इस्लाम जैसे कट्टरपंथी संगठनों से जोड़ा जा रहा है। उन्हें स्लीपर सेल बनाने का षड्यंत्र है।

शांत प्रदेशों को बना रहे निशाना

इस बीच, उदयपुर को छोड़कर पूरे प्रदेश में इंटरनेट सेवाएं रविवार को बहाल कर दी गईं। पुलिस और खुफिया विभाग के अधिकारियों ने बताया कि अन्य हिंदी भाषी राज्यों के मुकाबले शांत प्रदेश होने के कारण भी राजस्थान आतंकी संगठनों एवं कट्टरपंथियों के निशाने पर है। उन्हें लगता है कि यहां आसानी से अपनी जमीन तैयार कर सकते हैं।

पूछताछ में जुटे एनआइए के अधिकारी

इस बीच, कन्हैयालाल के दोनों हत्यारोपितों मोहम्मद रियाज और गौस मोहम्मद से एनआइए के अधिकारी पूछताछ में जुटे हैं। इनका सहयोग करने वाले दो लोगों आसिफ हुसैन और मोहसिन खान से एटीएस पूछताछ कर रही है। सूत्रों के अनुसार एटीएस ने करीब तीस लोगों को हिरासत में लिया है।

आठ दिन पहले रचा था षड्यंत्र

कन्हैयालाल की हत्या का षड्यंत्र आठ दिन पहले 20 जून को उदयपुर कलेक्टर कार्यालय के बाहर हुए प्रदर्शन के दौरान रचा गया था। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि उस दिन की बैठक में एक दर्जन लोग शामिल हुए थे। बैठक में एक मौलाना और दो वकीलों ने कन्हैयालाल को गोली मारने के बजाय गला रेतकर हत्या करने की बात कही थी, ताकि लोगों में दहशत ज्यादा फैल सके। गौस मोहम्मद और मोहम्मद रियाज ने हत्या करने का जिम्मा लिया था। गौस मोहम्मद 2013 व 2017 में रियाद, 2015 में पाकिस्तान और 2018 में नेपाल गया था।