नई दिल्ली,। Ukraine Russia War: रूस यूक्रेन युद्ध के बीच एक बार फिर क्रीमिया सुर्खियों में है। आठ वर्ष पूर्व वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में था। क्रीमिया को लेकर अंतरराष्ट्रीय जगत में रूस की काफी निंदा हुई थी। जंग के दौरान एक बार फिर क्रीमिया सुर्खियों में हैं। दरअसल, युद्ध के बीच क्रीमिया पर बने पुल को धमाकों से उड़ा दिया गया। इसके बाद रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के तेवर और आक्रामक हो गए। यह पुतिन के ड्रीम प्रोजेक्ट पर हमला था। इसके बाद यूक्रेनी राष्ट्रपति के इस बयान ने आग में घी का काम किया। यूक्रेनी राष्ट्रपति व्लोडिमिर जेलेंस्की ने कहा कि क्रीमिया पुल एक शुरुआत है। उन्होंने यह भी कहा कि यूक्रेन से ली गई हर चीज वापस ली जाएगी। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर जेलेंस्की ने यह बयान क्यों दिया। रूस और यूक्रेन के लिए क्रीमिया क्यों है खास। यूक्रेन और क्रीमिया के बीच क्या रिश्ते हैं। पुतिन के लिए क्रीमिया क्यों हैं बेहद खास।
रूसी राष्ट्रपति पुतिन की नजर क्रीमिया पर क्यों थी
नौ वर्ष पूर्व क्रीमिया, यूक्रेन का हिस्सा था। सोवियत संघ के विखंडन के बाद से ही रूस की नजर क्रीमिया पर टिकी थी। इसकी बड़ी वजह ब्लैक सागर में अपने वर्चस्व को कायम करना था। विदेश मामलों के जानकार प्रो हर्ष वी पंत का कहना है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की शुरू से ही क्रीमिया पर नजर गड़ी थी। उन्होंने कहा कि इसकी बड़ी वजह क्रीमिया की भौगोलिक स्थिति है। उन्होंने कहा कि इसके चलते क्रीमिया सामरिक और रणनीति दृष्टि से बेहद उपयोगी क्षेत्र है। पुतिन यह जानते थे कि क्रीमिया के जरिए ही रूस ब्लैक सागर पर अपना वर्चस्व कायम कर सकता है।
जनमत संग्रह के जरिए क्रीमिया पर रूस का कब्जा
जनमत संग्रह के जरिए रूस ने क्रीमिया को अपने देश का हिस्सा बना लिया। इसके लिए भी बाकयदा जनमत संग्रह कराया गया था। इस जनमत संग्रह में 97 फीसद लोगों ने रूस के साथ जाने पर अपनी सहमति जताई थी। इसके साथ रूस और क्रीमिया के अधिकारियों ने विलय संधि पर हस्ताक्षर किए। रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने क्रीमियाई प्रधानमंत्री और संसद के स्पीकर ने इस संधि पर हस्ताक्षर किए थे।
क्रीमिया के बंदरगाह और पर्यटक पुतिन ने लिए आकर्षण का केंद्र
क्रीमिया के बंदरगाह पुतिन को आकर्षित करते रहे हैं। क्रीमिया का कर्च बंदरगाह, क्रीमिया बंदरगाह, चेर्नोमोर्क्स बंदरगा सामरिक और व्यापार के लिहाज से बेहद उपयोगी हैं। पुतिन को यह लालच था कि क्रीमिया पर कब्जे के बाद सेवस्तोपोल में एक नौसेना बेस मिल जाएगा। रूसी नौसेना के लिए इसका खास महत्व है। समुद्री तट पर बसे होने के कारण क्रीमिया पर्यटन का बड़ा केंद्र रहा है। पर्यटन वहां की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अकेले पर्यटन उद्योग से 40 फीसद आमदनी होती है, बाकी 60 फीसद उद्योग और इंफ्रास्ट्रक्चर से आता है।
अमेरिका व पश्विमी देशों ने रूस पर लगाया कठोर प्रतिबंध
रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने भले ही यूक्रेन से क्रीमिया को छीन लिया हो, लेकिन कानूनी तौर पर दुनिया में इस कब्जे को मान्यता नहीं दी है। क्रीमिया पर कब्जे के बाद ही अमेरिका व पश्चिमी देश रूस के खिलाफ हो गए। अमेरिका और पश्चिमी देशों ने रूस पर प्रतिबंध लगा दिया। तभी से अमेरिका और रूस के संबंध काफी बिगड़ गए। हालांकि, पुतिन इन प्रतिबंधों के दबाव में नहीं थे, यही कारण है कि इन प्रतिबंधों के आठ वर्ष पूर्व रूस ने यूक्रेन पर हमला कर दिया। इतना ही नहीं क्रीमिया की तर्ज पर पुतिन ने यूक्रेन के चार इलाके में जनमत संग्रह कराकर रूस में शामिल कर लिया।