- अफगानिस्तान( Afghanistan) में तालिबान (Taliban) के सत्ता में आने के बाद से ऐसा कहा जा रहा था कि यूरोपीय देश और खुद संयुक्त राष्ट्र तालिबान को सरकार का दर्जा देने के पक्ष में नहीं है. लेकिन अब अंतरराष्ट्रीय संगठनों के अधिकारी तालिबान के नेताओं से मिल रहे हैं जिसके बाद ऐसा माना जा रहा है कि तालिबान के प्रति रुख में नरमी आ रही है. तालिबान के सह-संस्थापक मुल्ला अब्दुल गनी बरादर( Mullah Baradar) ने एक शीर्ष UN अधिकारी से मुलाकात की है.
मुल्ला बरादर को अभी अफगान सरकार के नेता के रूप में देखा जा रहा है. उनसे 5 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र ( United nations) के मानवीय मामलों के सेक्रेटरी मार्टिन ग्रिफिथ (Martin Griffith) ने काबुल (Kabul) में मुलाकात की.
इस मुलाकात में उन्होंने आश्वासन दिया संयुक्त राष्ट्र अफगानिस्तान का समर्थन जारी रखेगा.
तालिबान के प्रवक्ता मोहम्मद नईम के एक ट्वीट कर बताया”विदेश मंत्रालय में मीटिंग के दौरान, मार्टिन ग्रिफिथ्स ने आश्वासन दिया कि संयुक्त राष्ट्र अफगानिस्तान का समर्थन करना जारी रखेगा और इस संकट में मदद को आगे बढ़ाएगा.”इससे पहले मार्टिन ग्रिफिथ ने अफगानिस्तान में बिगड़ती स्थिति पर चिंता जताई थी और कहा था कि ‘तालिबान के सत्ता हथियाने के हमले के कारण हजारों लोग विस्थापित हो गए हैं.’
तालिबान में फूट?
इससे पहले मीडिया रिपोर्ट्स में ऐसी खबरें आ रही थी कि तालिबान में आंतरिक लड़ाई चल रही है. तालिबान के सहयोगी हक्कानी नेटवर्क के कई मामलों पर मुल्ला बरादर का विरोध करने की खबरें आई हैं.
अनस हक्कानी और खलील हक्कानी की तालिबान के नेता मुल्ला बरादर और मुल्ला याकूब के साथ झड़प की भी खबरें आई थीं और दावा किया गया था कि इस झगड़े के दौरान हक्कानी गुट की ओर से चली गोली में बरादर घायल हो गए हैं. लेकिन शाम होते-होते मुल्ला बरादर के मार्टिन ग्रिफिथ से मिलने की खबर आ गई.