लखनऊ, । सुप्रीम कोर्ट ने लखीमपुर खीरी हिंसा मामले की जांच कर रही एसआईटी को यह कहते हुए भंग कर दिया कि जांच पूरी हो चुकी है और मुकदमा चल रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के सेवानिवृत्त जज जस्टिस राकेश कुमार जैन को मामले की जांच कर रही एसआईटी की निगरानी के काम से मुक्त कर दिया है।
क्या है लखीमपुर खीरी हिंसा का मामला
यूपी में लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में 3 अक्टूबर 2021 की दोपहर करीब तीन बजे हुई हिंसा में 8 लोगों की मौत हो गई थी। उत्तर प्रदेश के तत्कालीन उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के दौरे से पूर्व किसानों के प्रदर्शन के दौरान हिंसा हुई थी। यूपी पुलिस की एफआइआर के मुताबिक इसी घटना में एक एसयूवी ने चार किसानों को रौंद डाला था जिसमें आशीष मिश्रा बैठे थे। कार से कुचलकर चार किसानों की मौत हो गई थी। बताते चलें कि घटना से आक्रोशित किसानों ने एसयूवी के ड्राइवर और दो भाजपा कार्यकर्ताओं को पीट-पीटकर मार डाला था। इस हिंसा में कार्यक्रम को कवर कर रहे एक पत्रकार की भी मौत हो गई थी।
इस हिंसा में बीजेपी के केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा पर आरोप आया था। आशीष मिश्रा पर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों को कुचलने का इल्जाम लगा था। जब मामला गर्माया तो पुलिस ने 5 अक्टूबर को अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा सहित करीब 15-20 अज्ञात लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की थी। बता दें कि इस केस में 17 फरवरी 2022 को आशीष मिश्रा की जमानत को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। जिसके बाद 25 जनवरी 2023 को लखीमपुर खीरी कांड के आरोपी आशीष मिश्रा को सुप्रीम कोर्ट ने सशर्त अंतरिम जमानत दे दी थी।