लखनऊ, चीन के नए कोविड वैरिएंट BF-7 की भारत में एंट्री के बाद केंद्र के साथ-साथ राज्य सरकारें भी सख्त एक्शन लेती नजर आ रही हैं। यूपी में योगी आदित्यनाथ सरकार भी कोरोना को लेकर अलर्ट मोड में आ गई है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक सहित अन्य मंत्री भी कोरोना की समीक्षा बैठक में शामिल रहे। बता दें कि उच्च स्तरीय बैठक में सीएम योगी ने अधिकारियों को कोरोना के नियंत्रण और निगरानी बढ़ाए जाने के साथ ही कोविड वैक्सीनेशन में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं।
कोरोना को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने कसी कमर
चीन समेत कई देशों में कोरोना संक्रमण का प्रकोप देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने लखनऊ में भी कमर कस ली है। प्रदेश के साथ ही राजधानी के सभी अस्पतालों को कोरोना मरीजों की जांच से लेकर इलाज की बेहतर व्यवस्था के दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। लखनऊ सीएमओ एमके अग्रवाल के मुताबिक, सभी अस्पतालों को अलर्ट कर दिया गया है। कोरोना प्रभावित देशों से लौटे यात्रियों की जांच कराई जाएगी। साथ ही उनकी सूची तैयार कर आइसोलेशन में रखा जाएगा।
केजीएमयू सहित अन्य वैज्ञानिक संस्थानों में जीनोम सिक्वेंसिंग
केजीएमयू में जीनोम सिक्वेंसिंग की सुविधा- सीएमओ ने बताया कि केजीएमयू सहित अन्य वैज्ञानिक संस्थानों में जीनोम सिक्वेंसिंग की सुविधा मौजूद है। वर्तमान में राजधानी में हर दिन करीब 600 लोगों की जांच हो रही है। हालांकि, अस्पतालों में आरटी-पीसीआर जांच का दायरा बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। आपरेशन से पहले कोरोना के लक्षण दिखने पर पहले से ही जांच अनिवार्य की गई है। सीएमओ ने कहा, जितने भी मरीज पाजिटिव मिलेंगे, उनकी जीनोम सिक्वेंसिंग कराई जाएगी।
बिना डाक्टर की सलाह के दवा न लें, लक्षण दिखने पर जांच कराएं
सीएमओ ने कहा, सर्दी-खांसी या बुखार होने पर डाक्टर से सलाह लेने के बाद ही कोई दवा खाएं। बिना जानकारी के दवा खाने से नुकसान हो सकता है। अगर लक्षण दिखे तो तत्काल जांच कराएं। यह सोचकर बिल्कुल न बैठें कि यह सर्दी-खांसी या सामान्य वायरल है। उन्होंने कहा, अभी यूपी में एक भी मरीज नए वेरिएंट से संक्रमित नहीं पाया गया है। इसलिए घबराने की जरूरत नहीं है। घर से मास्क लगाकर ही निकलें। भीड़ वाली जगह पर जाने से परहेज करें।