एटा। शिकोहाबाद रोड पर रात आठ बजे दो बाइक की आमने-सामने की भिड़ंत में पिता और दो पुत्रों समेत चार की मृत्यु हो गई। वहीं पत्नी और दूसरे बाइक के एक सवार की हालत गंभीर है। घायलों को आगरा रेफर किया गया है। दोनों बाइक सवार हेलमेट नहीं लगाए थे।
रिजोर थाना क्षेत्र के ग्राम गुमानपुर निवासी 45 वर्षीय महावीर सिंह गुरुवार को पत्नी और दो बेटों के साथ बाइक से फिरोजाबाद के जसराना थाना क्षेत्र के गांव नगला रंजीत स्थित ससुराल में नेजा कार्यक्रम में शामिल होने गए थे।
दिन भर चले कार्यक्रम के बाद शाम को वे बाइक से घर के लिए रवाना हुए। रात आठ बजे शिकोहाबाद रोड पर ग्राम बाकलपुर के समीप सामने से आ रही तेज रफ्तार बाइक से आमने-सामने की भिड़ंत हो गई।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार हादसा इतना भयानक था कि दोनों बाइक पर सवार लोग काफी दूर तक उछलकर सड़क पर गिरे। दोनों बाइक बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गईं। हादसे की सूचना पर आसपास के लोग पहुंचे और पुलिस को सूचना दी।
इसके बाद घायलों को मेडिकल कालेज इमरजेंसी भिजवाया गया। उपचार के दौरान महावीर, उनके नौ वर्षीय पुत्र पीयूष और सात वर्षीय पुत्र यश तथा दूसरी बाइक के चालक ललित निवासी फफोतू थाना रिजोर एटा की मृत्यु हो गई। महावीर की पत्नी नीरज देवी और ललित के दोस्त राजा की हालत गंभीर बनी हुई है। बताया गया है कि ललित अपने दोस्त के साथ शहर में खरीदारी करने आए थे।
घटना की सूचना मिलते ही दोनों परिवारों के रिश्तेदार पहुंच गए थे। नीरज देवी और राजा को आगरा मेडिकल कालेज रेफर किया गया है। एसएसपी राजेश सिंह ने बताया कि एटा-शिकोहाबाद रोड पर हादसा हुआ है, जिसमें चार लोगों की जान गई है। मृतकों में एक ही परिवार के तीन सदस्य शामिल हैं।
चार की सवारी पड़ गई भारी, परिवार में सिर्फ पत्नी ही बची
थाना रिजोर क्षेत्र में दो बाइकों में हुई भिड़ंत के बारे में जिसने भी सुना वही सन्न रह गया। चार लोगों की मृत्यु से अंदाजा लगाया जा सकता है कि मोटरसाइकिलें फर्राटा भर रहीं थीं। सबसे बड़ी गलती तो महावीर से हुई कि वे अपने परिवार के खुद के अलावा तीन सदस्यों को अपनी बाइक पर ले जा रहे थे।
दुर्घटना का कारण बाइक की तेज गति माना जा रहा है। उधर गांव गुमानपुर और फफोतू में मातम पसरा है। गुमानपुर के रहने वाले महावीर सिंह गुरुवार को अपनी ससुराल नगला रंजीत थाना जसराना जनपद फिरोजाबाद परिवार सहित गए थे। इधर से तो सही सलामत पहुंच गए।
ससुराल में नेजा चढ़ाने का कार्यक्रम था, जिसमें शामिल होने के बाद दावत में शामिल हुए और फिर शाम 6.45 बजे अपने घर के लिए चल दिए। पोस्टमार्टम गृह पर मौजूद लोगों ने बताया कि ससुराल में उन्हें रोकने की कोशिश की गई थी, अगर वे रुक जाते तो हो सकता है कि अनहोनी टल जाती।
इस हादसे में महावीर सिंह के साथ उनके बेटा यश और पीयूष की भी जान चली गई। अब उनकी पत्नी नीरज देवी ही बची हैं, जिनकी हालत भी गंभीर है।
घटना के प्रत्यक्षदर्शी राजेश ने बताया कि बाकलपुर के निकट जिस समय हादसा हुआ वे सड़क पर मौजूद थे। उन्होंने कहा कि दोनों बाइकों को भिड़ते हुए देखा। बाइकों से गिरने वाले लोग सिर के बल गिरे, इस कारण उनके अधिक चोटें आईं।
सड़क से और वाहन भी गुजर रहे थे, मगर गनीमत यह रही कि बाइक से गिरने वाले लोग उनकी चपेट में नहीं आए। घटना स्थल पर दूसरी बाइक पर सवार मृतक ललित के गांव के लोग पहले पहुंच गए, क्योंकि घटनास्थल से गांव की दूरी बमुश्किल दो किलोमीटर भी नहीं है। अगर हेलमेट होते तो हो सकता है कि कुछ लोगों की जान बच जाती। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना था कि हेलमेट कहीं भी नजर नहीं आए।
पोस्टमार्टम गृह पर हृदय विदारक नजारा
पोस्टमार्टम गृह पर बेहद हृदय विदारक नजारा उत्पन्न हो गया। मृतकों के गांवों से तमाम लोग पहुंच गए। जनप्रतिनिधियों का भी जमावड़ा होने लगा। हा-हाकार मचा हुआ था। शहर में जिसने भी सुना वही पोस्टमार्टम गृह की ओर मुड़ गया। रात के समय खासी भीड़ जुटी रही। हर कोई इस हादसे को लेकर गमगीन नजर आया।
न करें ऐसी गलती
छोटी सी चूक बड़े हादसे को अंजाम दे देती है। बाइक सिर्फ दो सवारियों के लिए बनी है। इसलिए कभी भी ट्रिपल राइडिंग न करें। अपर पुलिस अधीक्षक धनंजय कुशवाह ने बताया कि यातायात के नियमों का पालन न करने पर दुखद हादसे हो जाते हैं। जो नियम बनाए गए हैं उनका पालन अवश्य करें, बिना हेलमेट के बाइक पर न चलें।