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UP धर्मांतरण में नया खुलासा, चंदे के जरिए विदेशी फंडिंग,


उत्तर प्रदेश में धर्मांतरण मामले में विदेशी फंडिंग की जांच शुरू हो गई है. सूत्रों का कहना है कि चंदे के रूप में विदेशी फंडिंग हुई, कुल रकम का एक बड़ा हिस्सा पाकिस्तान और कुछ अन्य गल्फ देशों से आया था. मनी ट्रेल का ISI से लिंक तलाशने में भी भारतीय एजेंसियां जुट गई हैं. जांच एजेंसियां उन अकाउंट की पहचान करने में जुटी, जिनमें विदेशों से ये पैसा आया.

इस बीच यूपी में धर्मांतरण की साजिश को लेकर योगी सरकार बेहद सख्ती के मूड में है. सरकार ने गैंगस्टर एक्ट से लेकर एनएसए तक में कार्रवाई के आदेश दिए हैं. जरुरत पड़ने पर आरोपियों की संपत्ति भी जब्त की जाएगी. एक दिन पहले सरकार ने खुलासा किया था कि यूपी में नोएडा और दूसरी जगहों पर धर्म बदलने का खेल चल रहा था.

क्या है पूरा मामला
यूपी एटीएस ने कल दो लोगों को गिरफ्तार कर धर्मांतरण के रैकेट का खुलासा किया है. आरोप है कि इस रैकट ने अब करीब एक हजार से अधिक लोगों का धर्म परिवर्तन कराया, इसमें मुसीबत के मारे लोग, महिलाएं और मूक बधिर बच्चे तक शामिल हैं. धर्म परिवर्तन के इस काले खेल में शामिल मोहम्मद उमर गौतम और मुफ्ती जहांगीर कासमी दिल्ली में रहते थे.

पुलिस का कहना है कि ये दिल्ली से सटे आसपास के लोगों को अपनी साजिश का शिकार बनाते थे, कुछ लोगों को इसकी करतूतों का पहले ही पता तो लग गया था और अब गिरफ्तारी के बाद वो इनके काले कारनामों का खुलासा कर रहे हैं. धर्म परिवर्तन से जुड़ा ये गिरोह 2 जून को यूपी पुलिस के रडार पर आया था.

दरअसल, गाजियाबाद के डासना में स्वामी यति नरसिंहानंद के आश्रम ये नाम बदलकर पहुंचे थे. इसके बाद पूरे मामले की जांच शुरू हुई. चौंकाने वाली बात ये भी है कि धर्म परिवर्तन वाली इस साजिश के तार देश के बाहर के भी जुड़ते नजर आ रहे हैं और फंडिंग के पीछे ISI कनेक्शन का भी शक है.