नोएडा/ ग्रेटर नोएडा । अपने मुख्यमंत्री काल में गौतमबुद्ध नगर को सत्ता जाने के लिहाज से अपशकुन मान दूरी बनाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को चुनावी सीजन में जिले की याद आई है। अखिलेश यादव गठबंधन के साथी राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष जयंत चौधरी के साथ प्रचार के लिए बृहस्पतिवार को आ रहे हैं। उन्हें उम्मीद रहेगी कि जिले में सपा का खाता खुल जाएगा। तीन में से सिर्फ दो विधानसभा में प्रचार के लिए आने के कारण विभिन्न चर्चाओं का बाजार गर्म है। दस फरवरी को होने वाले मतदान की तिथि जैसे-जैसे नजदीक आती जा रही है विभिन्न पार्टी के राष्ट्रीय नेताओं का आना शुरू हो गया है। बृहस्पतिवार को अखिलेश यादव व जयंत चौधरी चुनावी रथ पर सवार होकर आ रहे हैं।
अखिलेश यादव जिले में अंतिम बार 2012 में विधानसभा चुनाव प्रचार के लिए दनकौर आए थे। अपने मुख्यमंत्री काल में वह मानते थे कि सत्ता जाने के लिहाज से गौतमबुद्ध नगर अपशकुन है। जो यहां आता है छह माह में उसकी सत्ता चली जाती है। इस कारण अपने कार्यकाल में गौतमबुद्ध नगर में शुरू योजनाओं का लोकार्पण उन्होंने लखनऊ से ही कर दिया था। प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने पर योगी आदित्यनाथ ने गौतमबुद्ध नगर में लगभग दस बार आकर अखिलेश यादव के भ्रम को तोड़ा था। इसकी चर्चाएं भी लगातार हुई।