गोरखपुर,। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बेसहारा पशुओं की समस्या पर सरकार को घेरा। बोले, तीन चरण के चुनाव तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से लगायत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जाति-धर्म पर ही बात की। अब छुट्टा पशुओं का मुद्दा उठा तो इस समस्या पर बोलने लगे।
गोरखपुर ग्रामीण विधानसभा में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने की जनसभा
ग्रामीण विधानसभा के सेंदुली बेंदुली में कांग्रेस प्रत्याशी देवेंद्र निषाद के समर्थन में जनसभा करने पहुंचे भूपेश बघेल ने कहा कि छुट्टा पशुओं के कारण किसान त्रस्त हैं। यह समस्या पांच साल में आयी है। किसानों की उपज बर्बाद हो रही है। ठंड, गर्मी और बारिश में किसान खुद की जान जोखिम में डालकर छुट्टा पशुओं से उपज बचाने के लिए खेत में रात-रात भर रहते हैं। कहा कि किसान छुट्टा पशुओं को पकड़कर मुख्यमंत्री के निवास स्थल पर छोड़ दें। अब तक कुछ न बोलने पर प्रधानमंत्री ने छुट्टा पशुओं के मुद्दे पर 10 मार्च के बाद नीति बनाने की बात कहनी शुरू कर दी है। यह नीति छत्तीसगढ़ में काफी पहले ही बन गई है।
छत्तीसगढ़ सरकार ने गोबर खरीदकर किया 36 करोड़ का भुगतान
उन्होंने कहा कि हमने पशुपालकों के लिए पशुधन को कमाई का जरिया बना दिया है। सरकार ने पशुपालकों से गोबर खरीदा और इसके एवज में 36 करोड़ रुपये से ज्यादा का भुगतान भी कर दिया है। उन्होंने गेहूं, गन्ना, धान आदि फसल के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर चर्चा की और कहा कि छत्तीसगढ़ की तरह उत्तर प्रदेश में भी इसे लागू किया जाएगा। कहा कि छत्तीसगढ़ में मछली पालन को भी कृषि का दर्जा दिया गया है।