- उत्तर प्रदेश के नोएडा अथॉरिटी में भूमि अधिग्रहण से जुड़े एक बड़े घोटाले का खुलासा हुआ है. नोएडा प्राधिकरण के लॉ ऑफिसर ने प्राधिकरण कार्यालय में तैनात विधि सलाहकार दिनेश कुमार सिंह और पूर्व सहायक विधिक अधिकारी वीरेंद्र सिंह नागर समेत तीन लोगों के खिलाफ नोएडा के सेक्टर 20 थाने में धोखाधड़ी और आपराधिक षडयंत्र का मुकदमा दर्ज करवाया है.
इन अफसरों पर इल्जाम है कि इन लोगों ने गेझा गांव की एक जमीन के अधिग्रहण को लेकर फर्जीवाड़ा किया है. जिसमें प्राधिकरण को 12 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाया गया है. एफआईआर दर्ज होने के बाद इस मामले की जांच शुरू हो गयी है. नोएडा प्राधिकरण के ऑफिसर ने पुलिस में शिकायत दी है कि 1982 में ग्राम की जातिपताबाद में रहने वाले कुंदन की जमीन को अधिग्रहण किया गया था जिसके बाद उसने कोर्ट में अथॉरिटी के फैसले के खिलाफ याचिका दायर की थी.
1993 में जिला अदालत ने इस मामले का निस्तारण कर दिया था और फैसला कुंदन के खिलाफ किया था. इस फैसले के खिलाफ कुंदन की बेटी रामवती ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में अपील की थी. हाईकोर्ट ने इस अपील को खारिज कर दिया था. घोटाले का खेल नोएडा प्राधिकरण के अफसरों ने यहीं से शुरू किया.
इलाहाबाद हाईकोर्ट से अपील खारिज होने के बावजूद आरोप है कि रामवती ने मामले को हाईकोर्ट में लंबित बताकर प्राधिकरण के सीईओ को समझौते के लिए आवेदन पत्र दिया था. प्राधिकरण के विधिक विभाग में तैनात दोनों ही अफसरों ने रामवती के साथ मिलीभगत के तहत जांच करके इस मामले को कोर्ट में लंबित बताया था.दिनेश कुमार सिंह और उसके साथियों ने मिलकर रामवती की याचिका को लंबित बता कर उसे बचा हुआ मुआवजा दिलवा दिया जबकि यह याचिका को हाईकोर्ट में खारिज हो चुकी थी.