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UP: पंजाब सीएम के बयान पर स‍ियासी उबाल, सपा व बसपा ने प्र‍ियंका गांधी पर साधा न‍िशाना


लखनऊ, । पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के एक बयान पर उत्तर प्रदेश की राजनीति में उबाल आ गया है। भाजपा के साथ ही सपा व बसपा ने भी चन्नी के बयान पर कांग्रेस और प्रियंका गांधी वाड्रा पर जमकर निशाना साधा है। दरअसल, चन्नी ने मंगलवार को प्रियंका गांधी वाड्रा की मौजूदगी में पंजाब में कहा था कि, ‘एक साथ हो जाओ पंजाबियों, यूपी के, बिहार के, दिल्ली के भइये यहां आकर राज करना चाहते हैं न, उन्हें फटकने नहीं देना है।’ चन्नी के इस बयान के बाद प्रियंका गांधी हाथ उठाकर ताली बजाने लगती हैं। यह वीडियो वायरल होते ही सपा, बसपा ने कांग्रेस को आड़े हाथों लिया।

बसपा प्रमुख मायावती ने ट्वीट किया… ‘पंजाब के कांग्रेसी सीएम ने शीर्ष नेतृत्व की मौजूदगी में यूपी व बिहार के लोगों का जिस प्रकार से अपमान किया है वह अति शर्मनाक है। ऐसे में इन दोनों राज्यों के लोग कांग्रेस को पंजाब व यूपी में भी हो रहे विधान सभा आम चुनाव में जरूर सबक सिखाएं। बिहार के लोग भी इसका जरूर उचित संज्ञान लें। ‘समाजवादी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने चन्नी के इस बयान को संविधान के खिलाफ बताया है। उन्होंने कहा कि यह तरीका ठीक नहीं है। देश में कोई कहीं जा सकता है। वोट के लिए इस तरह का जहर बोना पंजाब के सीएम को शोभा नहीं देता है। समाजवादी पार्टी उनके इस बयान की कड़ी निंदा करती है।

पुराने कांग्रेसी बोले अब किस मुंह से वोट मांगेंगी प्रियंका : पुराने कांग्रेसियों ने भी प्रियंका के सामने चन्नी के बयान की निंदा करते हुए कहा कि अब प्रियंका किस मुंह से यूपी में वोट मांगेंगी। कांग्रेस के पूर्व सांसद संतोष सिंह ने कहा कि प्रियंका पंजाब के लिए तो बाहरी ही हैं। चन्नी के बयान पर प्रियंका जिस तरह ताली बजा रही हैं वे यूपी के लोगों का अपमान कर रही हैं। इस बयान की कड़े शब्दों में निंदा करता हूं। कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो चुके पूर्व मंत्री सत्यदेव त्रिपाठी ने कहा कि प्रियंका गांधी वाड्रा कांग्रेस को यूपी में पूरी तरह विनाश करने में लगी हैं। यह बयान संकीर्ण मानसिकता को दर्शाता है। यह यूपी व बिहार का अपमान है। अब प्रियंका को कोई हक नहीं रह गया कि वे यूपी में वोट मांगें। वहीं, राहुल गांधी की टीम में काम कर चुके युवा नेता कोणार्क दीक्षित कहते हैं कि प्रियंका गांधी वाड्रा ने ‘सेल्फ गोल’ कर लिया है। वे यूपी की इंचार्ज हैं ऐसे में वे प्रदेशवासियों को क्या जवाब देंगी। उन्होंने बैठे-बैठाए भाजपा व अन्य दलों को मुद्दा दे दिया। उनके अंदर जरा भी गंभीरता नहीं है, अगर होती तो इस तरह ताली न बजा रही होतीं।

वहीं बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने कहा है कि सतगुरु रविदास जी का संदेश है कि धर्म राजनीतिक व चुनावी स्वार्थ की पूर्ति के लिए नहीं है, बल्कि ये समाजसेवा और जनचेतना का माध्यम है, जिसे सरकारों ने पूरी तरह से भुला दिया है। इसी वजह से अमन-चैन, आपसी भाईचारा व सुख समृद्धि का वातावरण काफी कुछ गायब है, जबकि वोटों के स्वार्थ की खातिर सतगुरु व उनके उपदेशों की हमेशा उपेक्षा करने वाले नेतागण उनको माथा टेकते हैं।

उन्होंने रविदास जयंती पर शुभकामना देते हुए कहा कि सतगुरु का उपदेश मानकर करोड़ों गरीबों आदि का सरकारें असली में भला कर सकती हैं, लेकिन वे ऐसा नहीं करती हैं। आज के संकीर्ण और द्वेष आदि से त्रस्त माहौल में उनके मानवतावादी संदेश की बहुत अहमियत है। मन को हर लिहाज से वाकई में चंगा करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि केवल अपने कर्म के बल पर महान सतगुरु बनने वाले रविदास जी ने सामाजिक परिवर्तन व मानवता के मूल्यों को अपनाने व उसके विकास के लिए लोगों में जो अलख जगाया उसे कभी भुलाया नहीं जा सकता है।

उनकी स्मृति को बनाए रखने के लिए बसपा सरकार ने प्रदेश में अनेकों कार्य किए हैं। उनके नाम पर भदोही का नामकरण संत रविदासनगर किया गया, जिसे सपा ने जातिवादी व राजनीतिक द्वेष की मानसिकता से बदल दिया, भाजपा सरकार ने भी उसे बहाल नहीं किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस, भाजपा व अन्य दलों ने दलित, आदिवासी व अन्य पिछड़े वर्ग के संतों, गुरुओं व महापुरुषों की हमेशा उपेक्षा की है। ऐसे में वोटों के स्वार्थ की राजनीति में माहिर तत्वों से सावधान रहने की जरूरत है।