लखनऊ, नगर निकाय चुनाव में जीत के लिए प्रदेश स्तर पर रणनीति तय कर चुकी भाजपा अब उसे जमीन पर उतारने के लिए कमर कस रही है। क्षेत्रीय परिस्थितियों का आकलन करते हुए चुनावी मैदान सजाने के लिए 14 से 17 अक्टूबर तक निकाय और वार्ड स्तर पर बैठकें होंगी। इसके बाद जल्द ही सभी वार्डों में प्रभारी भी नियुक्त कर दिए जाएंगे।
प्रत्येक सीट पर जीत के लिए जमीनी रणनीति पर काम करेगी भाजपा
- भाजपा ने नगर निकाय चुनाव में सभी सीटें जीतने का लक्ष्य तय किया है। इसके लिए प्रदेश सरकार के मंत्रियों और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को निकायों का प्रभारी और सहप्रभारी बनाया गया है, जबकि स्थानीय वरिष्ठ पदाधिकारियों को चुनाव संयोजन का जिम्मा सौंपा गया है।
- पिछले दिनों इन सभी के साथ प्रदेश मुख्यालय में पार्टी प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी, प्रदेश महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह सहित उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक ने बैठक की। उन्हें चुनावी रणनीति समझाने के साथ ही आगामी कार्यक्रम और गतिविधियों की रूपरेखा समझाई।
- प्रदेश नेतृत्व ने तय किया है कि 14 और 15 अक्टूबर को निकाय स्तर पर पार्टी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं की बैठकें होंगी। वहीं, 16 और 17 अक्टूबर को वार्ड स्तर पर बैठकें प्रस्तावित की गई हैं।
- पार्टी सूत्रों ने बताया कि इन बैठकों से पहले क्षेत्र के निष्क्रिय पुराने कार्यकर्ताओं को सूचीबद्ध कर लिया जाएगा। वरिष्ठ नेता उनसे संवाद कर इन बैठकों के बाद उन्हें चुनावी अभियान में सक्रिय कर सकते हैं।
- इसके साथ ही स्थानीय कार्यकर्ताओं से फीडबैक के आधार पर ही वार्डों के प्रभारी भी घोषित किए जाएंगे। यह जमीन मोर्चा तैयार होने के साथ ही पार्टी प्रत्येक सीट पर जीत के लिए जमीनी रणनीति पर काम तेज कर देगी।
राज्य निर्वाचन आयोग निकाय चुनाव की तैयारियों में जुटा
वर्ष 2017 में 652 नगरीय निकायों का चुनाव हुआ था लेकिन इस बार अब तक 762 नगरीय निकाय अस्तित्व में आ चुकी हैं। यानी पिछले चुनाव से इस बार 110 निकाय ज्यादा हैं। पिछले चुनाव में 3.32 करोड़ मतदाता थे। प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात ने कहा कि अब केवल अंतिम चरण के नगरीय निकायों के सीमा विस्तार के कुछ प्रस्ताव शेष हैं जो आगामी कैबिनेट बैठक में रखे जाएंगे। परिसीमन का काम चल रहा है। शीघ्र ही इसे अंतिम रूप देकर राज्य निर्वाचन आयोग के पास भेज दिया जाएगा। चुनाव समय पर ही होंगे।