नई दिल्ली। एनपीसीआई (NPCI) ने नामीबिया में यूपीआई (UPI) जैसी इंस्टेंट पेमेंट सिस्टम (Instant Payment) को विकसित करने के लिए बैंक ऑफ नामीबिया (BON) के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। भारत में यूपीआई में तेजी देखने को मिली है।
ऐसे में अब एनपीसीआई नामीबिया को अपने फाइनेंशियल इकोसिस्टम को आधुनिक बनाने में मदद करना चाहती है। इसमें घरेलू और इंटरनेशनल पेमेंट नेटवर्क और अंतरसंचालनीयता दोनों के साथ पहुंच, सामर्थ्य और कनेक्टिविटी में सुधार शामिल है।
एक बयान में कहा गया है कि एनपीसीआई इंटरनेशनल पेमेंट्स लिमिटेड (NIPL) ने नामीबिया के लिए यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) जैसी इंस्टेंट पेमेंट सिस्टम विकसित करने में सहायता के लिए बैंक ऑफ नामीबिया (BON) के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।
इस रणनीतिक साझेदारी का उद्देश्य अफ्रीकी राष्ट्र में डिजिटल पेमेंट सर्विस को को बढ़ाना और वास्तविक समय में पर्सन-टू-पर्सन (P2P) और मर्चेंट पेमेंट ट्रांजेक्शन (P2M) को बढ़ावा देना है।
इस सहयोग के माध्यम से बीओएन को एनआईपीएल से सर्वोत्तम श्रेणी की तकनीक और अंतर्दृष्टि तक पहुंच प्राप्त होगी। इससे नामीबिया में अपने नागरिकों के डिजिटल कल्याण के लिए एक समान मंच का निर्माण संभव हो सकेगा।
एनपीसीआई इंटरनेशनल के सीईओ रितेश शुक्ला ने कहा
इस तकनीक को सक्षम करने से, देश डिजिटल भुगतान परिदृश्य में संप्रभुता हासिल करेगा और बढ़ी हुई भुगतान अंतरसंचालनीयता और वंचित आबादी के लिए बेहतर वित्तीय पहुंच से लाभान्वित होगा।
बैंक ऑफ नामीबिया के गवर्नर जोहान्स गवाक्सब ने कहा
हमारा उद्देश्य वंचित आबादी के लिए पहुंच और सामर्थ्य बढ़ाना, 2025 तक भुगतान साधनों की पूर्ण अंतरसंचालनीयता हासिल करना, वित्तीय क्षेत्र का आधुनिकीकरण करना और एक सुरक्षित और कुशल राष्ट्रीय भुगतान प्रणाली सुनिश्चित करना है।
क्या है उद्देश्य
एक बार लाइव होने के बाद पेमेंट प्लेटफ़ॉर्म नामीबिया में डिजिटल लेनदेन की सुविधा प्रदान करेगा। फाइनेंशियल इकोसिस्टम को बढ़ावा देगा और वंचित आबादी को पूरा करके नकदी निर्भरता को कम करेगा। यह सहयोगात्मक प्रयास ग्रामीण और अनौपचारिक क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देने के साथ सभी को आवश्यक और सस्ती वित्तीय सेवाएं प्रदान करना चाहता है।