वाराणसी : गर्मी ने एक ओर जहां सबको बेहाल कर रखा है वहीं अस्पतालों में भी इसकी वजह से मरीजों की संख्या बढ़ गई है। पंडित दीनदयाल अस्पताल में मंगलवार को 1322 और मंडलीय चिकित्सालय में 2532 नए मरीजों के पर्चे बनाए गए।
इस तरह दोनों अस्पतालों की ओपीडी में सिर्फ 2523 मरीज दिखाने के लिए पहुंचे थे। वहीं इमरजेंसी में 400 के करीब मरीजों का उपचार किया गया। इस दौरान सबसे अधिक पेट दर्द से पीड़ित लोग पहुंचे थे।
हीट-स्ट्रोक के मामले आ रहे सामने
दीनदयाल के इएमओ डा. परवेज ने बताया कि उमस भरी गर्मी के कारण डायरिया, त्वचा संबंधी, लू लगने, पानी की कमी, फूड प्वाइजनिंग की समस्या ज्यादा दिखाई दे रही है। इसके अलावा हीट-स्ट्रोक के मामले भी आ रहे हैं। इसमें शरीर का तापमान बढ़ जाता है, त्वचा रूखी और गर्म होने के साथ शरीर में पानी की कमी हो जाती है।
इसके अलावा नब्ज बहुत तेज या बहुत धीरे चलती है। सांस भी धीरे-धीरे आती है। कभी-कभी मरीज बेहोशा भी हो जाता है। हीट-स्ट्रोक से बचने के लिए दिन के सबसे ज्यादा गर्मी वाले समय में घर से बाहर निकलने से बचना चाहिए।
अधिक करें पानी का सेवन
अत्यधिक मात्रा में पानी और जूस का सेवन करें। ताकि शरीर में पानी की कमी न हो सके। ढीले-ढाले और हल्के रंग के कपड़े पहने। किसी प्रकार की शारीरिक समस्या होने पर निकट के सरकारी अस्पताल में संपर्क करें। गर्मियों में अगर खाना साफ-सुथरे माहौल में नहीं बनाया जाए तो उसके दूषित होने का खतरा बढ़ जाता है। साथ ही पीने का पानी भी दूषित हो सकता है।
अत्यधिक तापमान की वजह से खाने में बैक्टीरिया बहुत तेजी से पनपते हैं। जिससे फूड पाइजनिंग का खतरा बढ़ जाता है। बाहर खुले में बिक रहे कटे हुए फल खाने से परहेज करें। प्यास लगने का इंतजार न करें। हमेशा घर में बना हुआ नींबू पानी और ओआरएस का घोल आस-पास ही रखें।