- नई दिल्ली, : दुनियाभर में हर साल 28 मई को वर्ल्ड हंगर डे मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य विश्व के सभी दशों को भुखमरी से आजाद करना और भुखमरी से ग्रस्त लोगों के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। साल 2011 से वर्ल्ड हंगर डे मनाने की शुरुआत हुई थी। वर्ल्ड हंगर डे 2021 का थीम है, ‘एक्सेस एंड्स हंगर’। वर्ल्ड हंगर डे, हंगर प्रोजेक्ट द्वारा शुरू की गई एक पहल है। जिसके तहत भूखमरी से पूरी तरह से निपटने के लिए काम किया जाता है। इस दिन लोगों को भुखमरी से होने वाली बीमारियों के बारे में भी जागरूक किया जाता है। कोरोना महामारी के दौर में दुनियाभर के कई गरीब देशों के लिए पेटभर खाना खान एक चुनौती हो गया है।
बात जब भुखमरी की आती है तो विश्व में कई ऐसे देश हैं, जहां हर दिन लाखों लोग और बच्चे भूखे रहते हैं। कोरोना महामारी में ऐसे देशों की हालत और भी खराब हो गई है। इसी दिशा में हाल ही में एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि दक्षिण अफ्रीका में पिछले एक सप्ताह यानी 20 से 26 मई 2021 के दौरान कम से कम 10 मिलियन वयस्कों और लगभग 30 लाख बच्चे भूखे रहे हैं। रिपोर्ट में कहा गया कि दक्षिण अफ्रीका हर दिन लगभग 2.5 मिलियन (25 लाख) एडल्ट और 600,000 बच्चे हर दिन भूख रहते हैं या फिर भूख का अनुभव करते हैं और उनको खाने को नहीं मिलता है।
इस रिपोर्ट में लिखा गया है कि यहां के लोगों से जब ये पूछा गया कि “गरीबी में जीने का क्या मतलब है?” तो 90 फीसदी लोगों ने कहा, भूखे रहना। जबकि अन्य देशों में अगर ये सवाल किया जाए कि “गरीबी में जीने का क्या मतलब है?” आपको तरह-तरह के जवाब मिलेंगे। कुछ लोग अपनी जरूरत की चीजें खरीदने के लिए आय की कमी के बारे में बात करेंगे तो कुछ लोग रहने का घर और पढ़ाई की बात करेंगे। लेकिन दक्षिण अफ्रिका में हालात इतने खराब हैं कि वहां के लोगों के लिए दो वक्त का खाना खाना ही अहम चुनौती है।