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Wrestlers Protest :जंतर-मंतर पर किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं का हंगामा, बैरिकेड तोड़ धरनास्थल की ओर बढ़े


पहलवानों की अपील के बाद जंतर-मंतर पहुंचे किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं ने हंगामा शुरू कर दिया है और दिल्ली पुलिस के लगाए को भी कार्यकर्ताओं ने तोड़ दिया है और धरनास्थल की ओर कूच करने शुरू कर दिया है।

Delhi

दिल्ली पुलिस ने जारी किया बयान

किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं द्वारा बैरिकेड्स तोड़े जाने के बाद दिल्ली पुलिस ने बयान जारी करते हुए कहा कि किसानों के एक समूह को जंतर मंतर ले जाया गया है। वह एंट्री लेकर धरना स्थल पर पहुंचने की जल्दी में थे और इसी वजह से वह बैरिकेड्स पर चढ़ गए जो नीचे गए। अब उन बैरिकेड्स को हटा दिया गया है। पुलिस टीम ने उनके प्रवेश की सुविधा के लिए बैरिकेड्स को पीछे की ओर खींच लिया है।

Delhi protest

दिल्ली पुलिस ने कहा, “असत्य और भ्रामक खबरों से बचे!जंतर मंतर पर प्रदर्शनकारियों को आवश्यक सहूलियतें दी जा रही है। धरना स्थल पर सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, आवाजाही DFMD से चेकिंग होने के बाद की जा रही है। कृपया शांति बनाए रखें और कानून का सम्मान करें… जय हिन्द।”

राकेश टिकैत ने किया पहलवानों का समर्थन

बीते दिनों दिल्ली पुलिस से धरना स्थल पर पहलवानों से हुई झड़प के बाद पहलवानों ने किसानों से धरना स्थल पर पहुंचे की अपील की थी, जिसके बाद संयुक्त किसान मोर्चा ने 7 मई को देशभर में पहलवानों के समर्थन में प्रदर्शन करने का एलान किया था। भारतीय किसान यूनियन टिकैत के अध्यक्ष नरेश टिकैत और किसान नेता राकेश टिकैत अपने कार्यकर्ताओं के साथ पहलवानों का समर्थन करने जंतर मंतर पहुंचे थे।

दिल्ली पुलिस ने बढ़ाई सुरक्षा

पहलवानों की अपील के बाद हरियाणा की कई खाप पंचायतों और संयुक्त किसान मोर्चा के द्वारा पहलवानों को समर्थन देने और दिल्ली आने की घोषणा के बाद से बदरपुर बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। पुलिसकर्मियों व अर्धसैनिक बल के जवानों को तैनात किया गया है।

WFI के अध्यक्ष के खिलाफ पहलवान कर रहे हैं प्रदर्शन

पहलवान दिल्ली के जंतर-मंतर पर भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ 23 अप्रैल से प्रदर्शन कर रहे हैं। एक नाबालिग समेत 7 महिला पहलवानों ने उनपर यौन उत्पीड़न का आरोप लगया है। इससे पहले उन्होंने इस साल के शुरुआत में  जंतर मंतर पर धरना दिया। तब खेल मंत्रालय के दखल के बाद पहलवानों ने अपना धरना खत्म कर दिया और इस मामले में जांच के लिए एक समिति का गठन किया था, लेकिन अब पहलवानों ने समिति पर ही सवाल उठा दिए हैं।