समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, जहां से लाशें मिल रही है वह स्थान जिला मुख्यालय से मात्र 30 किलोमीटर दूर है। पीने का पानी भी इसी नदी से ही पानी लिया जाता है। ऐसे में लोगों को हर सता रहा है कि पानी दूषित होने से संक्रमण और तेजी से फैल सकता है।
गौरतलब है कि केंद्र ने रविवार को उत्तर प्रदेश एवं बिहार को निर्देश दिया कि शवों को गंगा और इसकी सहायक नदियों में फेंकने पर रोक लगाई जाए तथा उनके सुरक्षित एवं सम्मानजनक अंतिम संस्कार पर जोर दिया जाए।
यह निर्देश ऐसे समय दिया गया है जब हाल में कोरोनावायरस (Coronavirus) संक्रमण के मामले बहुत तेजी से बढ़ने के बाद इन नदियों में अनेक शव तैरते मिले थे।
राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों को स्वास्थ्य विभागों के साथ मिलकर बार-बार पानी की गुणवत्ता की निगरानी करने का निर्देश दिया गया है।