- नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने गुरुवार को कहा कि भारतीय ऑटोमोबाइल और कलपुर्जा उद्योग को वाहनों के विभिन्न हिस्सों के लिए चीन पर अपनी आयात निर्भरता को खत्म करना और ऐसी वस्तुओं के स्थानीयकरण पर जोर देना चाहिए। उन्होंने भारतीय वाहन कलपुर्जा विनिर्माता संघ (एसीएमए) के 61वें वार्षिक सत्र में कहा कि फेम-2 योजना के तहत चयनित नौ शहरों में 100 प्रतिशत इलेक्ट्रिक बसें होने के बाद इलेक्ट्रिक चार पहिया वाहनों को भी प्रोत्साहन देने पर विचार किया जाएगा। कांत ने कहा, ”वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में फिर से संतुलन स्थापित करने, निर्यात बढ़ाने के लिए सरकारी प्रोत्साहन और प्रौद्योगिकी व्यवधानों से ऑटोमोटिव मूल्य श्रृंखला के सभी स्तरों पर नए अवसर पैदा हो रहे हैं। यह बहुत महत्वपूर्ण है कि उद्योग सहभागियों के सामने रास्ता एकदम साफ हो और उद्योग पूरी ताकत के साथ आगे बढ़े।” उन्होंने कहा कि मेक इन इंडिया का दृष्टिकोण बेहद स्पष्ट है और अब स्थानीयकरण को बढ़ावा देना ही होगा। उन्होंने कहा, ”… आयात पर निर्भरता कम करें, और मैं चीन से आयात कहना चाहूंगा।” कांत ने कहा, ”यह भी महत्वपूर्ण है कि कुछ स्वचालित घटकों को यहां तैयार किया जाए, जिन्हें लागत प्रतिस्पर्धा और विकास क्षमताओं के कारण चीन से आयात किया जा रहा है।” कांत ने उद्योग को यह भी बताया कि बीएस-6 उत्सर्जन नियमों को पूरा करने के लिए जरूरी कुछ हिस्सों को चीन से मंगाया जाता है, और उन्होंने अगली दो तिमाहियों में स्थानीय स्तर पर तैयार करने की कोशिश करनी होगी।