बीजिंग, चीन ने आज शिनजियांग में मानवाधिकार की स्थिति पर संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) में मतदान में भारत की अनुपस्थिति पर चुप्पी बनाए रखी, लेकिन उइगर मुसलमानों के खिलाफ अपने बचाव में बयान दिया। चीन ने भारत के बयान पर कहा कि हमारा उदेश्य आतंकवाद और अलगाववाद का मुकाबला करना है। बता दें कि चीन की यह टिप्पणी गुरुवार को UNHRC में शिनजियांग मुद्दे पर भारत द्वारा मतदान से दूर रहने और नई दिल्ली द्वारा पहली बार स्वायत्त क्षेत्र के लोगों के अधिकारों का सम्मान करने और गारंटी देने की बात कहने के एक दिन बाद आई है।
भारत के बयान पर चीन की सफाई
चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘मैंने संबंधित रिपोर्टों को नोट किया है। मैं इस बात पर जोर देना चाहता हूं कि शिनजियांग से जुड़े मुद्दे मानवाधिकारों से संबंधित नहीं हैं। वे हिंसक आतंकवाद, कट्टरवाद और अलगाववाद से संबंधित हैं।’ विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने भारतीय समकक्ष अरिंदम बागची की टिप्पणी पर एक सवाल का जवाब देते हुए कहा, ‘अथक प्रयासों के लिए धन्यवाद, शिनजियांग में लगातार पांच वर्षों से कोई हिंसक आतंकवादी घटना नहीं हुई है।’
UNHRC में मतदान से दूर रहा भारत
इस दौरान, माओ जिनेवा में UNHRC में प्रस्ताव पर भारत के मतदान से दूर रहने पर चुप्पी साधी रही। UNHRC में एक प्रस्ताव लाया गया था, जिसमें शिनजियांग में मानवाधिकार की स्थिति पर बहस का आह्वान किया गया था। चीन के शिनजियांग उइघुर स्वायत्त क्षेत्र में मानवाधिकारों की स्थिति पर बहस आयोजित करने के प्रस्ताव 47 सदस्यीय परिषद में 17 सदस्यों ने पक्ष में मतदान किया, 19 सदस्यों ने विरोध में मतदान किया और भारत, ब्राजील, मैक्सिको तथा यूक्रेन सहित 11 सदस्यों ने मतदान में भाग नहीं लिया।
उइगर स्वायत्त क्षेत्र पर भारत ने दिया था बयान
बता दें वोटिंग में भारत के अनुपस्थित रहने के बारे में सवाल पूछने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा था कि उइगर स्वायत्त क्षेत्र के नागिरकों के मावनाधिकार का सम्मान किया जाना चाहिए और इसकी गारंटी मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि संबंधित पक्ष स्थिति को निष्पक्षता से देखेगी। विदेश मंत्रालय ने कहा था कि भारत हमेशा से मानवाधिकार की रक्षा को लेकर प्रतिबद्ध रहा है।