नई दिल्ली। राज्य विधानसभा चुनावों की घोषणा से पहले ही तेलंगाना ने उत्तर प्रदेश के आलू पर रोक लगा दी है। तेलंगाना के इस फैसले से उत्तर प्रदेश सरकार की मुश्किलें तो बढ़ेंगी हीं लेकिन तेलंगाना सरकार में शामिल असदुद्दीन ओवैसी के लिए यूपी के किसानों को जवाब देना भारी पड़ेगा। ओवैसी बिहार विधानसभा के चुनाव में मिली कुछ सफलता के बाद अब उत्तर प्रदेश में भी भाग्य आजमाने उतर रहे हैं। उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों में चुनाव की औपचारिक बिगुल बजने से पहले ही आलू पर सियासी बुखार चढ़ने लगा है। मूल्य घटने से जहां उत्तर प्रदेश के आलू किसान परेशान होंगे वहीं चुनाव के दौरान सत्तारुढ़ भाजापा की चुनौतियां भी बढ़ सकती हैं।
देश के दक्षिणी राज्यों में आलू की आपूर्ति उत्तर प्रदेश से होती है। उत्तर प्रदेश से रोजाना तकरीबन एक सौ ट्रक आलू अकेले तेलंगाना को भेजा जाता है, जिसका आधा हिस्सा आगरा से पहुंचता है। हैरानी इस बात की है कि तेलंगाना में आलू का कुल उत्पादन उसकी कुल खपत में से मुश्किलन एक महीने के बराबर ही आलू होता है। आलू की बाकी जरूरतों के लिए उसे फिर दूसरे राज्यों पर ही निर्भर होना पड़ेगा।
कीमतें थोड़े दिनों के लिए होंगी प्रभावित