मिर्जापुर

एंटी रैबिज इंजेक्शन न होने से मरीज परेशान


राजगढ़,मीरजापुर। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र राजगढ़ में एंटी रैबीज इंजेक्शन नहीं होने से मरीजो को काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है, जैसा विदित हो कि नक्सल क्षेत्र के सैकड़ों गांवों के मरीज स्थानीय चौकी क्षेत्र के राजगढ़ बाजार स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर अपनी दवा कराने के उद्देश्य से आते हैं। सरकार की तरफ से इस केंद्र पर तमाम अत्याधुनिक सेवाएं उपलब्ध कराई गई हैं लेकिन नक्सल क्षेत्र के अति गरीब एवं पिछड़े तबके के मरीज जब सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर पहुंचते हैं तो स्वास्थ्य केंद्र पर कार्यरत सरकारी चिकित्सकों द्वारा केंद्र पर अभी सरकारी दवाएं उपलब्ध नहीं हैं का हवाला देते हुए लगभग अस्सी प्रतिशत दवाएं बाहर से लेने की सलाह दे डालते हैं। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र राजगढ़ में इन दिनों एंटी रेबीज इंजेक्शन की उपलब्धता नहीं होने के कारण मरीजों को काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। कुछ तो मरीज महंगे दामों पर बाहर के निजी चिकित्सालय एवं मेडिकल स्टोर से इंजेक्शन खरीद कर लगवा लेते हैं लेकिन कुछ ऐसे मरीज हैं जो पैसे की कमी के चलते इंजेक्शन नहीं लगवा पाते हैं। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र राजगढ़ पर एंटी रेबीज इंजेक्शन की उपलब्धता नहीं होने के संबंध में जब मुख्य चिकित्सा अधिकारी प्रभु दयाल गुप्ता से वार्ता की गई तो उन्होंने बताया कि पूर्व में जनपद को एक महीने में लगभग एक हजार से ज्यादा क्वायल एंटी रेबीज इंजेक्शन उपलब्ध कराए जाते थे लेकिन कोविड के चलते इस समय केवल 40 से 50 क्वायल ही पूरे जनपद को उपलब्ध कराया जा रहा है। इसी कारण जनपद के समस्त सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर इंजेक्शन की कमी है। हमने शासन को इस तथ्य से अवगत करा दिया है, जल्द ही जनपद को पूर्व की भात एंटी रैबीज इंजेक्शन उपलब्ध करा दी जाएगी।छानबे संवाददाता के अनुसार विकास खंड छानबे में एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सहित पांच नये प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जनता के इलाज के लिए स्थापित हैं और चिकित्सक भी मौजूद हैं लेकिन अस्पतालों मे जीवन रक्षक दवाइयों का अभाव बना हुआ है, गरीबों को प्राणरक्षा के लिए बाजार से दवा खरीदना मजबूरी है। बतादें कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र विजयपुर सर्रोई मे कुत्ते की सूई, दाद खाज खुजली की दवा आंख की दवा खांसी की दवॉ सहित कई एन्टीबैटिक दवाईयां नही है कुछ नाम मात्र की दवा है जिसके सहारे अस्पताल चल रही हैं यही हाल सभी नये अस्पतालो की हैं। बृहस्पतिवार को भी एक दो मरीजों ने दवा बाहर से लिखने पर आपत्ति जताई तो डाक्टर ने दवा न उपलब्ध होने की बात बताई। इस सम्बंध मे जब अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. सुबोधकांत सिन्हा से पूछा गया तो उन्होंने पूछताछ के बाद बताया कि तीन बार दवा के लिए आनलाइन मांगपत्र भेजा गया है लेकिन अभी दवा उपलब्ध नही हुई है।