कानपुर, । वाराणसी में आतंकवाद विरोधी दस्ते (एटीएस) के हत्थे चढ़े पापुलर फ्रंट आफ इंडिया (पीएफआइ) के एजेंट अब्दुल्ला ने रिमांड में हुई पूछताछ के दौरान कई अहम राज उगले हैं। उससे बरामद लैपटाप और मोबाइल की भी छानबीन चल रही है। इससे मिले सटीक इनपुट के बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने शहर में अलग-अलग स्थानों से अब्दुल्ला के छह करीबी एजेंटों को उठाया है। सभी को टीम दिल्ली ले गई है और पूछताछ की जा रही है।
सूत्रों के मुताबिक हिरासत में लिए गए एजेंटों के कनेक्शन नई सड़क उपद्रव के आरोपितों समेत कुछ सफेदपोश और स्क्रैप कारोबारियों से होने की बात सामने आई है। पीएफआइ एजेंट अब्दुल्ला सऊद अंसारी की गिरफ्तारी के बाद छानबीन में उसका कानपुर कनेक्शन भी सामने आया था। उसके लैपटाप में रावतपुर, चकेरी, चमनगंज, अनवरगंज, जाजमऊ और घाटमपुर के कुछ मदरसों का डाटा था। उसके मोबाइल में मिले फोन नंबरों के जरिये एनआइए की टीम ने देर रात जूही, अनवरगंज और जाजमऊ से छह एजेंटों को हिरासत में लिया और दिल्ली चली गई।
सूत्रों के मुताबिक छह में से दो एजेंटों का का तीन जून को हुए नई सड़क उपद्रव के आरोपित हयात जफर हाशमी, बाबा बिरियानी रेस्टोरेंट के मालिक मुख्तार बाबा, फंडिग के आरोपित बिल्डर वसी समेत कुछ स्क्रैप कारोबारियों से संपर्क है। अब्दुल्ला ने तीन जून को उपद्रव के दिन शहर में होने और पांच जून को लखनऊ, इसके बाद प्रयागराज में खुद के मौजूद होने की बात भी स्वीकारी है।
सहूलियत देख बनाना चाहता था मुख्यालय
शहर में हाईवे से आवागमन, रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट समेत अन्य सहूलियतें आसानी से मिल उपलब्ध हैं। इसे देखते हुए अब्दुल्ला शहर में आतंकी गतिविधियों के लिए सामान मंगाने व भेजने का मुख्यालय बनाना चाहता था। स्क्रैप कारोबारियों से संपर्क बढ़ाया ताकि दीपावली के वक्त स्क्रैप की आड़ में आतंक के सामान को एक से दूसरे स्थान पर पहुंचाने में आसानी हो।
एजेंटों के खातों को खंगाल रही टीम
एनआइए सूत्रों के अनुसार, एजेंटों के खातों से लेनदेन की जानकारी के लिए सुरक्षा एजेंसी की टीम अब्दुल्ला और उसके कारिंदों के बैंक खातों का भी ब्योरा जुटा रही है। हिरासत में लिए गए एजेंटो के शहर से नोएडा के बीच आने-जाने के लिए वाहन, रहने का ठिकाना, भोजन आदि की व्यवस्था कराने वाले मददगारों की भी तलाश है।