- नई दिल्ली. भारत सरकार से 1.2 अरब डॉलर वसूलने के लिएरिटेन की केयर्न एनर्जी पीएलसी ने जहां पहले ही एयर इंडिया (Air India) को अमेरिका की कोर्ट में घसीटा है. तो वहीं अब कंपनी ने अमेरिका से सिंगापुर के देशों में सरकारी स्वामित्व वाली दूसरी फर्मों और बैंकों की संपत्तियों को भी टारगेट करने की योजना बनाई है. मालूम हो एयर इंडिया पर अमेरिकी कोर्ट में मुकदमा दर्ज कारने के पीछे केयर्न एनर्जी का मकसद भारत सरकार पर भुगतान के लिए दबाव बनाना है. रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स मामले में भारत सरकार ने केयर्न एनर्जी को 1.2 अरब डॉलर का भुगतान नहीं किया है.
नई संपत्तियों को टार्गेट करने के पीछे कंपनी का उद्देश्य लेवी के खिलाफ मध्यस्थता जीतने के बाद भारत सरकार से देय राशि की वसूली के प्रयासों को तेज करना है. कंपनी का प्रतिनिधित्व करने वाले एक वकील ने कहा कि केयर्न कई देशों में मुकदमे लाएगी ताकि सरकारी कंपनियों को 1.2 अरब डॉलर से अधिक का ब्याज और भारत सरकार से जुर्माने का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी बनाया जा सके. पिछले महीने, केयर्न ने न्यूयॉर्क के दक्षिणी जिले के लिए यूएस डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में एक मुकदमा दायर किया था जिसमें कहा गया था कि एयर इंडिया को भारत सरकार द्वारा इतना नियंत्रित किया जाता है कि वे ‘ऑल्टर एगोस’ हैं और एयरलाइन को मध्यस्थता पुरस्कार के लिए उत्तरदायी ठहराया जाना चाहिए.