कोलकाता, पश्चिम बंगाल सरकार ने कलकत्ता हाई कोर्ट में रिसड़ा और शिवपुर में हाल में हुई हिंसा मामले को लेकर एक रिपोर्ट पेश की। हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा कि आगामी हनुमान जयंती को देखते हुए राज्य में शांति सुनिश्चित करने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं। अदालत ने राज्य सरकार से कहा कि वह राज्य में विश्वास बहाली के लिए अर्धसैनिक बलों की तैनाती का अनुरोध कर सकती है।
हाई कोर्ट ने मांगी थी रिपोर्ट
बता दें कि कलकत्ता उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल सरकार को पश्चिम बंगाल के हुगली जिले के रिसड़ा में रामनवमी के जुलूस से शुरू हुई हिंसा पर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया था। कलकत्ता उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवज्ञानम और हिरणमय भट्टाचार्य की पीठ ने राज्य सरकार को इस संबंध में एक पूरक हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया, जिसमें रिसड़ा में हिंसा के कारणों के बारे में जानकारी मांगी गई थी।
सुवेंदु अधिकारी ने पुलिस पर लगाया आरोप
वहीं, नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने आरोप लगाया कि पुलिस धारा-144 लगाने के नाम पर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और लोकसभा सदस्य सुकांत मजूमदार सहित राज्य के भाजपा नेताओं को रिसड़ा पहुंचने से रोक रही है, लेकिन पुलिस तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को अनुमति दे रही है। उन्होंने कहा कि पुलिस दो पक्षों के लिए दो तरह के नियम लागू नहीं कर सकती है।
बंगाल के राज्यपाल ने कही थी कार्रवाई की बात
इससे पहले राज्य में हुई हिंसा को लेकर बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने कहा था कि तनाव पैदा करने के लिए जिम्मेदार किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। लोगों की सुरक्षा से किसी भी कीमत पर समझौता नहीं किया जा सकता है।