नयी दिल्ली। देश के पेपर उद्योग ने आगामी बजट में सरकार से बेरोक-टोक आयात पर अंकुश लगाने की अपील करते हुए कहा है कि यह आयात कागज के क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाने की राह में बड़ी बाधा है। कागज उद्योग में रोजगार के नए अवसर तथा किसानों के लिए पर्याप्त संभावनाएं सृजित करने की क्षमता है। देश में इसका सालाना कारोबार 70,000 करोड़ रुपए से अधिक है। इंडियन पेपर मैन्यूफैक्चरर्स एसोसिएशन (आईपीएमए) ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ बजट पूर्व चर्चा में यह मांग की है। आईपीएमए के अनुसार, मुक्त व्यापार समझौतों (एफटीए) और अन्य द्विपक्षीय व बहुपक्षीय व्यापार समझौतों के चलते शून्य आयात शुल्क के कारण भारत में पेपर एवं पेपरबोर्ड का आयात तेजी से बढ़ा है।
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