- कोरोना का असर व्यापार, परिवहन से लेकर धर्म पर भी पड़ रहा है. लोगों में कोरोना का भय इतना भर चुका है कि लोग मंदिर आने से बच रहे हैं. कोविड दिशा निर्देशों के तहत नवरात्र के अंतिम दिन धर्म की नगरी काशी में मां सिद्धिदात्री के दर्शन किए गए.
वाराणसी में इनका अति प्राचीन मंदिर मैदागिन गोलघर इलाके के सिद्धमाता में स्थित है. मां दुर्गा की नौवीं शक्ति का नाम सिद्धिदात्री है. ये सभी प्रकार की सिद्धियों को देने वाली देवी हैं. कोविड के चलते हर बार की अपेक्षा इस बार मंदिर में ना के बराबर भीड़ ही देखने को मिली.
कोरोना महामारी का असर काशी में नवरात्रि के अंतिम दिन दर्शन-पूजन में भी दिखा. नवरात्रि के अंतिम दिन मां सिद्धिदात्री के दर्शन की मान्यता है. इनका अति प्राचीन मंदिर वाराणसी के मैदागिन गोलघर इलाके में स्थित है. जहां हर बार नवरात्र में भक्तों की भारी संख्या मंदिर परिसर से लेकर कतार में दिखती थी, तो वहीं इस बार कोविड-19 के डर से कम ही भक्त दर्शन के लिए आते दिखे.
जो भक्त आ भी रहे थे उन्हें सेनेटाइज करके ही और मास्क के साथ ही मंदिर में प्रवेश दिया जा रहा था. एक बार में मंदिर में सिर्फ 5 लोगों को ही प्रवेश कराया जा रहा था. इस बार मंदिर में फल-फूल और प्रसाद का वितरण भी नहीं किया जा रहा था. इस मौके पर मंदिर के पुजारी बच्चा लाल मिश्रा ने बताया कि कोरोना महामारी के दिशा निर्देशों का पूरी तरह से पालन किया जा रहा है और देवी से कामना की जा रही है कि इस महामारी से जल्द मुक्ति प्रदान करे. हमेशा की अपेक्षा मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ नगण्य के समान है.